Saturday 22 August 2015

मेरा कुछ भी लिखना....!!!

मेरा कुछ भी लिखना...
दो पल तुमसे बाते...
करना होता है...
शब्दों में तुम्हे उतार कर,
पन्नो पर सजाना..
तुम्हे अपनी उँगलियों से..
छूना होता है...
मेरा कुछ भी लिखना...
तुमसे प्यार का इजहार..
करना होता है...
अपने शब्दों से तुम्हे पुकारना...
तुम्हे याद करना होता है....
मेरा कुछ भी लिखना...
तुम्हारे लिये...
दुआ करना होता है..
कविताओं में...
तुम्हारा जिक्र करना...
तुम्हारी इबादत करना होता है...
मेरा कुछ भी लिखना..
तुम्हे लिखना होता है..
शब्द तब शब्द कहाँ रहते...
मेरे शब्दों में सिर्फ,
नाम तुम्हारा होता है....

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