ढूढती कभी-कभी निगाहें जिसे ढूंढ़ती है,
उसे ही देखना नही चाहती है......!!
9.
नही चाहती कि बहुत लोग पढ़े मुझे,
मेरे शब्द सिर्फ तुम तक ही पहुँच जाये..
इतना ही काफी है....!!
10.
हम न जाने कब उसकी जिन्दगी का
बीता हुआ कल बन गए,
और वो आज भी हमारे आज में सामिल है.....!!
11.
तुम्हे प्यार करने करने की सजा खुद को देती रहती हूँ...
तुम्हे भूल न जाऊं इसलिए...
तुम्हे लिखती रहती हूँ.....!!
12.
ये बदलो का गर्जना......
बिजली का चमकना बहुत डराता है मुझे.......
तुम न जाने कहाँ चले गये हो,
वो तुम्हारी बाँहों में सम्हालना याद आता है मुझे.........!!
13.
आज कल कुछ भी लिखने से डरती हूँ,
डर है कि...........
कही अपने ही शब्दों में बिखर न जाऊं......!!
14.
मुझे नही खबर कि तुम्हारी जिन्दगी में वो कौन सा पल है.....???
जो सिर्फ मेरे लिए हो.....
पर मेरी जिन्दगी का हर इक पल.....
सिर्फ तुम्हारे लिए है..........!!!
नही चाहती कि बहुत लोग पढ़े मुझे,
ReplyDeleteमेरे शब्द सिर्फ तुम तक ही पहुँच जाये..
इतना ही काफी है....!!
वाह .. वाह क्या बात है, खूबसूरती से भावनाओं को व्यक्त करते शब्द
.....
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (01-11-2013) को "चर्चा मंचः अंक -1416" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार आदरेया-
bhavprabal abhivyaktiyan ....!!
ReplyDeleteसमर्पण से लिखी हुई पंक्तियाँ. अति सुन्दर.
ReplyDeleteइस जीवन के पल-घड़ी, सब हैं उनके नाम।
ReplyDeleteजन्म-जिन्दगी का यही, सुन्दर है आयाम।।
सुप्रभात...।
आरोग्यदेव धन्वन्तरी महाराज की जयन्ती
धनतेरस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
बहुत सुंदर भाव पूर्ण प्रस्तुति ,,,
ReplyDeleteRECENT POST -: तुलसी बिन सून लगे अंगना
सुंदर, भावपूर्ण।
ReplyDeletewaah.,,.bahut kamal likhti ho aap
ReplyDeleteआपकी यह पोस्ट आज के (०२ नवम्बर, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - ये यादें......दिवाली या दिवाला ? पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteदीपपर्व मंगलमय हो ……
ReplyDeleteजिंदगी की इन पंखुड़ियों में खुशबू है प्रेम की ...
ReplyDeleteदीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
बहुत सुंदर दीपोत्सव शुभ हो !
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पर आईं आपका अनेक धन्यवाद। स्नेह बनायें रखें। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteवाह!!! बहुत सुंदर !!!!!
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई--
उजाले पर्व की उजली शुभकामनाएं-----
आंगन में सुखों के अनन्त दीपक जगमगाते रहें------
मुझे नही खबर कि तुम्हारी जिन्दगी में वो कौन सा पल है.....???
ReplyDeleteजो सिर्फ मेरे लिए हो.....
पर मेरी जिन्दगी का हर इक पल.....
सिर्फ तुम्हारे लिए है..
1 to 14 each line and every word has its beautiful expression
बहुत कोमल अहसास..हरेक पंखुड़ी लाज़वाब..
ReplyDeleteKHOOBSOORAT SHABDKAARI....CHITRKARI KI TARAH....
ReplyDeleteek se badh kar ek dil ko chu lene wali rachna ...bahut bahut badhai
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