1.
वो दूर हो कर भी मुझसे दूर न रहा कभी
मैं पास हो कर भी उसके पास न रही कभी.....!!!
2.
मैंने तुम्हे कभी याद नही किया क्यों कि
मैंने तुम्हे कभी भुलाया ही नही.......!!!
3.
वो दूर हो कर भी मुझसे दूर न रहा कभी,
मैं पास हो कर भी उसके पास न रही कभी......!!!
4.
तुमसे दूर जितना भी खुद को ले जाती हूँ,
उतनी ही तुम्हारे करीब खुद को पाती हूँ.......!!!
5.
कुछ इक पल और रुक जाते तो अच्छा होता,
मेरे बिना कुछ कहे ही....
तुम समझ जाते तो अच्छा होता.....!!!
6.
मेरी आखों को तुम्हारा इन्तजार आज भी है.…
मैं झूठ कहूँ तो कहूँ.....
सच तो यही है......
इस दिल को तुमसे प्यार आज भी है.....!!!
7.
धड़कने तो बेवजह धड़कती है,
ये किसी की सुनती कहाँ है....
लाख समझाने की कोशिश करो,
ये समझती कहाँ है.....!!!
वो दूर हो कर भी मुझसे दूर न रहा कभी
मैं पास हो कर भी उसके पास न रही कभी.....!!!
2.
मैंने तुम्हे कभी याद नही किया क्यों कि
मैंने तुम्हे कभी भुलाया ही नही.......!!!
3.
वो दूर हो कर भी मुझसे दूर न रहा कभी,
मैं पास हो कर भी उसके पास न रही कभी......!!!
4.
तुमसे दूर जितना भी खुद को ले जाती हूँ,
उतनी ही तुम्हारे करीब खुद को पाती हूँ.......!!!
5.
कुछ इक पल और रुक जाते तो अच्छा होता,
मेरे बिना कुछ कहे ही....
तुम समझ जाते तो अच्छा होता.....!!!
6.
मेरी आखों को तुम्हारा इन्तजार आज भी है.…
मैं झूठ कहूँ तो कहूँ.....
सच तो यही है......
इस दिल को तुमसे प्यार आज भी है.....!!!
7.
धड़कने तो बेवजह धड़कती है,
ये किसी की सुनती कहाँ है....
लाख समझाने की कोशिश करो,
ये समझती कहाँ है.....!!!
ज़िन्दगी के बिखरे पल बिखरे से ही रह जाते हैं - यादों को भी नहीं होता गवारा पर यादें रहती हैं साथ
ReplyDeleteमेरे बिना कुछ कहे ही....
ReplyDeleteतुम समझ जाते तो अच्छा होता.....
....................मन को छूती हुई सुंदर अनुभूति
बहुत खूब ... अलग अलग लम्हों में छिपी प्रेम की गंध ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteप्रेम रस में डूबी सुन्दर कोमल रचना...
ReplyDeleteबेहतरीन..
:-)
मोम से दिल को पत्थर बना लीया
ReplyDeleteहादसों को खिलौना बना लीया
लोग पा के भी शिकायत करते रहे रब से
हम ने खोने का भी जश्न मना लीया !
“अजेय-असीम{Unlimited Potential}”
सभी पंखड़ियाँ महकी हुई हैं....
ReplyDeleteसुन्दर!!
अनु
बहुत सुंदर ,लाजवाब रचना है
ReplyDeleteबहुत सुंदर ,लाजवाब रचना है
ReplyDeleteजीवन में हर पल एक नई अनुभूति होती है ! आपके खजाने में अनमोले प्रेम की अनुभुतियाँ हैं |
ReplyDeleteनई पोस्ट सपना और मैं (नायिका )
nice mam...............
ReplyDeleteमन को छूती हुई सुंदर प्रस्तुति ,,,
ReplyDeleteRECENT POST -: तुलसी बिन सून लगे अंगना
धड़कने तो बेवजह धड़कती है,
ReplyDeleteये किसी की सुनती कहाँ है....
लाख समझाने की कोशिश करो,
ये समझती कहाँ है.....!!
सच कहा आपने
बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteवाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत प्रेम से भरी रचना रचना !!
ReplyDeleteबेहतरीन और लाजवाब ।
ReplyDeleteधड़कने तो बेवजह धड़कती है,
ReplyDeleteये किसी की सुनती कहाँ है....
लाख समझाने की कोशिश करो,
ये समझती कहाँ है.....!!!
waah
दीपोत्सव की मगलकामनाएं