22.
यूँ ही झरोखे से झांक कर,
हर रोज ढूंढ़ती ही तुम्हे,
अपलक हर रोज़ खामोश,
यूँ ही निहारती हूँ तुम्हे,
सुन ले न कोई यूँ ही...
मौन रह कर पुकारती हूँ तुम्हे....
23.
अपनी प्यारी बातो में,
तुम मुझको उलझा देते हो...
मैं समझू कुछ उससे पहले,
तुम मुझको बहला देते हो....
हार तो मैं तब जाती हूँ...
मेरे रूठने पर भी जब,
तुम सिर्फ मुस्करा देते हो........!!!
24.
हम भी असर देखना चाहते है,
दिल की बातो की कब होगी,
उनको खबर देखना चाहते है.....!!!
25.
एहसास तो है.....
पर उन्हें बयाँ करने के लिए शब्द नही मिल रहे है,
ढूढ रहे है हम एक दूसरे को....
शब्द हमें नही मिल रहे है.....
या शब्दों को हम नही मिल रहे है......!!!
26.
किसी की गलतियां बता कर,
उसे छोड़ देना बहुत आसान है...
पर उन गलतियों की वजह जान कर,
उसे माफ़ करना इतना भी मुशकिल नही है.....!!!
27.
चलो कुछ बाते चाँद से करते है,
कुछ यूँ आया है चाँद मेरी छत पर,
कुछ बाते कह रही हूँ मैं अपने दिल की...
कुछ बाते चाँद भी बता रहा है तुम्हारे दिल की.....!!!
28.
आज चाँद से तुम्हारे लिए एक सन्देश भिजवाया है,
तुम भी नज़र भर कर देख लेना...
मैंने अभी-अभी चाँद में तुम्हे ही पाया है.....!!!
29.
आज सुबह थोड़ी ज्यादा हसीन हो गयी है.....
क्यों कि मैंने कुछ रंग तुम्हारी दोस्ती का मिला दिया है.....
कुछ तुम्हारी बातो को अपने शब्दों में सजा दिया है......
कुछ अनछुए एहसासों ने....
कुछ खुबसूरत ख्वाबो ने.....
कुछ अनकहे ख्यालो ने........
इस सुबह को और भी ख़ास बना दिया है...... !!!
30.
तुम नही हो....फिर भी हर घड़ी तुम्हारे साथ ही गुजर रही है.......
अब क्या कहू इससे ज्यादा.....?
कि तुम से दूर जाने के लिए भी......
मुझे तुम्हारी ही जरुरत पड़ रही है..........!!!
यूँ ही झरोखे से झांक कर,
हर रोज ढूंढ़ती ही तुम्हे,
अपलक हर रोज़ खामोश,
यूँ ही निहारती हूँ तुम्हे,
सुन ले न कोई यूँ ही...
मौन रह कर पुकारती हूँ तुम्हे....
23.
अपनी प्यारी बातो में,
तुम मुझको उलझा देते हो...
मैं समझू कुछ उससे पहले,
तुम मुझको बहला देते हो....
हार तो मैं तब जाती हूँ...
मेरे रूठने पर भी जब,
तुम सिर्फ मुस्करा देते हो........!!!
24.
हम भी असर देखना चाहते है,
दिल की बातो की कब होगी,
उनको खबर देखना चाहते है.....!!!
25.
एहसास तो है.....
पर उन्हें बयाँ करने के लिए शब्द नही मिल रहे है,
ढूढ रहे है हम एक दूसरे को....
शब्द हमें नही मिल रहे है.....
या शब्दों को हम नही मिल रहे है......!!!
26.
किसी की गलतियां बता कर,
उसे छोड़ देना बहुत आसान है...
पर उन गलतियों की वजह जान कर,
उसे माफ़ करना इतना भी मुशकिल नही है.....!!!
27.
चलो कुछ बाते चाँद से करते है,
कुछ यूँ आया है चाँद मेरी छत पर,
कुछ बाते कह रही हूँ मैं अपने दिल की...
कुछ बाते चाँद भी बता रहा है तुम्हारे दिल की.....!!!
28.
आज चाँद से तुम्हारे लिए एक सन्देश भिजवाया है,
तुम भी नज़र भर कर देख लेना...
मैंने अभी-अभी चाँद में तुम्हे ही पाया है.....!!!
29.
आज सुबह थोड़ी ज्यादा हसीन हो गयी है.....
क्यों कि मैंने कुछ रंग तुम्हारी दोस्ती का मिला दिया है.....
कुछ तुम्हारी बातो को अपने शब्दों में सजा दिया है......
कुछ अनछुए एहसासों ने....
कुछ खुबसूरत ख्वाबो ने.....
कुछ अनकहे ख्यालो ने........
इस सुबह को और भी ख़ास बना दिया है...... !!!
30.
तुम नही हो....फिर भी हर घड़ी तुम्हारे साथ ही गुजर रही है.......
अब क्या कहू इससे ज्यादा.....?
कि तुम से दूर जाने के लिए भी......
मुझे तुम्हारी ही जरुरत पड़ रही है..........!!!
वाह बहुत ही सुन्दर ये सीरीज़ का आईडिया बहुत बढ़िया है आपका
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियां
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीया
गहन अभिव्यक्ति…
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteबेहद सुन्दर दिल को छू लेनेवाले अहसास..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति...
:-)
हार तो मैं तब जाती हूँ...
ReplyDeleteमेरे रूठने पर भी जब,
तुम सिर्फ मुस्करा देते हो...
aapka vichar bahut uttam hai ayr ye panktiya shayad kahin na kahin sabhi ke man ki baat hai
badhai
rachana
सुंदर पंक्तियाँ |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (10-11-2013) को सत्यमेव जयते’" (चर्चामंच : चर्चा अंक : 1425) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
MAN KO JHANKRIT KARATI BEHATARIN
ReplyDeleteसुंदर अहसास !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्तियाँ हैं !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDelete
ReplyDeleteसुंदर
बहुत अच्छी कविता , बधाई आपको ।
ReplyDeleteअतिसुन्दर.......
ReplyDeleteati sundar
ReplyDeleteSundar abhivykti
ReplyDeletesundar abhivykti ! Sushma ....
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