Thursday 14 November 2013

अधूरी रात,.............!!!

वो आधे चाँद कि अधूरी रात,                  
वो अनछुआ अहसास....
वो अनकहे जज़्बात,
आज फिर बहुत याद आयी, 
तुम्हारे साथ गुजरी...
वो अधूरी रात.....! 
वही तारो कि बारात,
वही कही दूर बजती...
शहनाइयों कि आवाज़, 
आज भी सुन रही हूँ....
वही जोर से धड़कती,
तुम्हारी धड़कनो कि आवाज़.....!! 
वही  मेरे साथ परछाई,
बनकर चलती चांदनी का साथ..... 
वही मुझे तुमसे बांधता विश्वास, 
आज भी बेचैन कर देती है 
वो अधूरी रात कि तुम्हारी बात.....!!!

22 comments:

  1. आज भी बेचैन कर देती है
    वो अधूरी रात कि तुम्हारी बात.....!!!

    ............दिल को छूती पंक्तियाँ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति बहुत बहुत बधाई सुषमा जी..

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  2. मदमाती प्यार भरी रचना, आभार।
    कभी इधर भी पधारें

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  3. भावमयी करती रचना...
    बेहतरीन...

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  4. ढ़ेर सारा प्यार समेटे हुए है आपकी रचना, बहुत सुन्दर

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  5. बहुत सुन्दर जज़्बात....

    अनु

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  6. खूबसूरत अभिव्यक्ति...

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  7. सुन्दर रचना

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  8. प्यार से प्यारी सी रचना

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  9. Bahut pyaree aapkee adhuree rat aur us rat kee ye bat.

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  10. बहुत बढ़िया सुंदर एहसास को वयां करती
    सुंदर रचना !!

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  11. बहुत बढ़िया ..... सुंदर एहसास को वयां करती....
    सुंदर रचना... !!

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  12. bahut khub...great!!!
    thanks
    Archana

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  13. कविता है या किसी ने गुलाब की पंखुड़ियां बिखेर दी हैं। दूर तक राहें महक उठी हैं।

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  14. बहुत संदर रचना...बधाई..

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  15. गहरे एहसास लिए ... प्रेम की अभिव्यक्ति ...

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  16. प्रेम की सूक्ष्म अनुभूति कराती सुकोमल रचना..

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  17. प्रेम की सूक्ष्म अनुभूति कराती सुकोमल रचना..

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