Sunday 9 October 2016

तुम ही तो मेरे हो.....!!!

तुमने मुझे हँसना सिखाया,
उड़ना सिखाया...
तुमने ही बेरंग तस्वीरो में,
रंग भरना सिखाया....
सब जब मैं तुम जैसी हो गयी हूँ,
तुममे ही...तुम तक...दुनिया मेरी है...
तुम्हारा हाथ थाम कर,
तुम्हारे ही सफर पर चल कर,
तुम्हारी ही मंजिल पर आ गयी हूँ...
तुम्हारी पहचान लिए,
तुम्हारा नाम लिए,तुम संग साथ चलती हूँ...
डरती हूँ,तुमसे हाथ न मेरा छूट जाये,
मैं खो जाऊं ना तुमसे...
कोई पूछे जो नाम मेरा,
मैं नाम तुम्हारा ही लेती हूँ..
तुमको ही मैंने अपना माना,
मेरा क्या है?
तुम ही तो मेरे हो.....

2 comments:

  1. खूबसूरत एहसास से भरी हुई सुंदर पंक्तियाँ।

    ReplyDelete
  2. सुन्दर प्रस्तुति

    ReplyDelete