मैं क्या जानूँ की कौन सी तारीख है,
क्या पता कि साल बदल रहा है...
मुझे तो तुम्हारी आँखों के बदलते,
अंदाज़ याद रहते है...
जो पल-पल कहती है कि,
तुम किस बात से नाराज होते है,और
कौन सी बात तुम्हे नही भाती..
मुझे तो याद रहते है,
तुम्हारी जुबां के को स्वाद,
जो मैं हर रोज तुम्हारे लिए,
रेसिपी बदल-बदल कर,
तुम्हारे लिए कुछ नया बनाती हूँ...
मुझे तो याद रहती है,
हर रोज बदलती तुम्हारी...
वो शरारत भरी वो बाते,
जो ना जाने कहाँ से सीख कर आते हो....
मैं क्या जानूँ की कौन सी तारीख है,
क्या पता कि साल बदल रहा है..
पर हाँ मुझे याद रहती है,
कैलेंडर की कुछ तारीखे,
जो कभी नही बदलती,
जिस दिन तुम इस दुनिया में आये,
जिस दिन मैं तुमसे मिली थी,
यही कुछ तारीखे है,
जो मेरे लिए कैलन्डर होती है,
मैं पूरा साल इन्ही तारीखों में,
पल,लम्हे,साल,सदियां,...
बदलते देखती हूँ.....!!
Friday, 30 December 2016
साल बदल रहा है...!!!
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आने वाला वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो इसी कामना के साथ आपको सहपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (01-01-2017) को "नूतन वर्ष का अभिनन्दन" (चर्चा अंक-2574) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
नववर्ष 2017 की हार्दिक शुभकामनाओंं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteWowwwwwwww, मनोभावों का सुंदर चित्रण
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