Monday 12 September 2016

प्यार में कोई शर्त नही होती....!!!

क्या तुम नही जानते कि,
प्यार में कोई शर्त नही होती....
पर तुमने हर मोड़ पर शर्त रखी,
कि जैसे ये रिश्ता सिर्फ मेरा हो..
तुमने हर लम्हा...
मुझे ये एहसास कराया...
जैसे मुझे इस रिश्ते कि,
तुम्हारी जरुरत है..
हर शर्त रखी की ये मान लूँ,
ऐसे रह सकू जो तुम्हारे साथ..
तो तुम हो मेरे साथ.....
नही तो हमारे रास्ते अलग है....
कितना आसान था ना तुम्हारे लिये,
रास्तो को बदलना,
कितना आसान था ना तुम्हारे लिये,
शर्तो पर रिश्तो को रखना...
मैं मान भी लेती तुम्हारी हर शर्त,
गर तुम्हे मेरी जरुरत होती...
मुझे भ्र्म था कि....
हमे इक-इक दूसरे की जरुरत है..
तुम्हारी शर्तो ने...
वो भ्र्म भी तोड़ दिया,
तुमने भावनाओ का रिश्ता,
जाने कब शर्तो से जोड़ दिया...

5 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 14 सितम्बर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (14-09-2016) को "हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक-2465) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. भ्रम का टूटना ही सही है.

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  4. भ्रम का टूटना ही सही है.

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  5. सुन्दर प्रस्तुति

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