Friday 2 January 2015

कुछ बिखरी पंखुड़ियां.....!!! भाग-12


   97-
सभी ने बधाईयाँ दे दी मुझे...
आने वाले साल के लिये...
उन्हें कैसे समझाऊं..
ये साल तो बीत जायेगा..
पर इक चेहरा है...
जो मुझसे भुलाया नही जायेगा....

98-
तुम्हारे साथ असमान के तारे गिनना अभी बाकी है...
तुमसे कर लूँ जल्दी-जल्दी बाते सभी..
कि दिसम्बर अभी बाकी...

99-
जब से तुमने मेरा साथ छोड़ा है...
मैं तेज और तेज चलने लगी हूँ...
तारीखों में तो साल आज गुजर रहा है..
मेरी जिन्दगी में हर इक पल में सदिया गुजर गयी है...

100-
फिर तारीखे बदलेंगी..
फिर साल गुज़र जायेगा...
कुछ तुममे सिमटेगा..
कुछ मुझमे छिप जायेगा..
जब तारीख यही आयेगी...
गुजरा हुआ वो पल..
हर वो दिन याद आयेगा...
वादा है खुद से..
फिर इस साल सच कर दिखायंगे...
कुछ टूटे हुए सपने......

102-
जब भी किसी सफ़र पर नींद आयी मुझे..
तुम्हारे कांधे पर सर रख लिया मैंने...
फिर नींद तो नही आयी...
यूँ ही सपनो में...
पूरी जिन्दगी का सफ़र तय कर लिया हमने..

103-
ये कोहरा ये धुंध हमे दुनिया से छिपा लेते है...
जब दिखते नही किसी को रास्ते.....
हम हाथो में हाथो को थाम कर...
चल देते है...रास्ते बना लेते है... 


104-
ठिठुरती ठण्ड...
और चाय की चुस्किया...
कुल्हड़ को थाम कर...
गर्म होती मेरी हथेलियाँ....
फिर लौट आये...
वो हमारी बाते...
वो मस्तियां...और मेरी सहेलियाँ..


105-
तुम्हारी मुस्कराहटे....
मेरी दम तोड़ती जिन्दगी में.....
साँसों का काम करती है...

106-
कभी हाथो में टूटती चूडिया...
कभी आखों का बिखरता काजल...
कभी तेज होती साँसे...
कभी धडकनों की हलचल.....
ये और कुछ नही.....निशानिया है प्यार की....!!!


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