तुम नही समझोगे कि
कब मैंने गुजरते तुम्हारे लम्हो से,
हमारे लिए कुछ लम्हे चुरा कर साथ,
जीना क्या होता है...
तुम नही समझोगे कि
अपनी सारी परेशानियों को भूल कर,
इक तुम्हे मुस्कराते दिखने की खुशी को,
जीना क्या होता है...
तुम नही समझोगे कि
यूँ ही बेवजह,बे-सिर-पैर की बाते करके,
तुम्हे जिंदगी को जीने वजह बताने में,
मेरा पागल हो जाना क्या होता है...!!!
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