करवाचौथ तो सिर्फ बहाना है,
फिर इक बार तुम्हारे लिए सिर्फ,
तुम्हारे लिए सजने सँवरने का...
तुम तारीफ करो,मुझे चाँद जैसा कहो..
बस आज तो चाँद को चिढ़ाना है...
इक बहाना है तुमसे अधिकार से,
अपने लिए वक़्त निकालने का,
तुमसे अपने लिए कोई तोहफा मांगने का...
सब बहाने ही तो है,
जिंदगी की जद्दोजहद से,
तुम्हे अपने पास कुछ देर बिठाने का..!!!.
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