Thursday, 15 March 2018

हाँ तुम नही हो...!!!

हाँ तुम नही हो,फिर भी तुम्हारा एहसास ,
इस जगह में है..
तुमने कितने करीने से,
चीजो को समेट कर रखा है,
और मैं फिर बिखेर कर समेटती हूँ,
तुम्हारे हाथों से छू कर रखी चीजो में,
तुम्हारी छुअन का एहसास महसूस करती हूं,
हाँ तुम नही हो...!!!

3 comments:

  1. बहुत सुंदर भावपूर्ण पंक्तियाँ

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  2. निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' १९ मार्च २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीया 'पुष्पा' मेहरा और आदरणीया 'विभारानी' श्रीवास्तव जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।

    अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  3. बहुत बढ़िया

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