Tuesday, 3 May 2016

तुम्हारे यादो के साथ आती थी...!!!

रात में नींद आज भी,
तुम्हारे यादो के साथ आती थी....
तुम नही भी होते हो....
कोई हवा कानों में,
तुम्हारी कोई अनकही बात कह जाती है.....
मैं चाँद की बाते करती हूँ तुमसे,
चांदनी छुप कर चुपके से मुस्कराती है..
मैं हर रोज कोरे कागज सा दिल,
सिरहाने ले कर सोती हूँ...
तुम्हारी याद कविता बन कर,
कागज पर उतर जाती है...
हर रात तुम्हारी याद की,
ताबीर बुनती है,
हर सुबह मेरी आँखों में,
सभी को तुम्हारी तस्वीर नजर आती है...
रात में नींद आज भी,
तुम्हारे यादो के साथ आती थी....

2 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 05-95-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2333 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  2. बहुत सुन्दर

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