Friday 19 July 2013

वो ख्वाबो वाला प्यार.....!!!


मुझे भी कभी मिल जायेगा.....             
वो ख्वाबो वाला प्यार.....
जिसमे जुबा कुछ नही कहती,
आखों में सारी बाते होती है.....
मुझे भी कभी मिल जायेगा
वो आखों ही आखों वाला प्यार.....

जिसमे हर आहट पर धडकने धडकती है,
किसी का नाम लेकर साँसे चलती है,
रात भर जागती आखों वाला प्यार.....
मुझे भी कभी मिल जायेगा.....
वो ख्वाबो वाला प्यार.....

जिसमे ढलती शामो के साथ,
किसी के होने का एहसास होता है....
कोई दूर हो कितना पर,
दिल के पास होता है.....
सामने होकर भी इशारों में,
होती बातो वाला प्यार......
मुझे भी मिल जायेगा,
कभी वो इशारो वाला प्यार.......
मुझे भी कभी मिल जायेगा.....
वो ख्वाबो वाला प्यार.....

जिसमे इतिहास के किस्से....और,
परियों की कहानिया होती है....
हर पल प्यार की निशानियाँ होती है
हो जाए मुझे भी वो किताबो वाला प्यार.....
मुझे भी कभी मिल जायेगा.....
वो ख्वाबो वाला प्यार.....!!

32 comments:

  1. किताबो वाला प्यार.....

    Beautiful!

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  2. यकीनन....यह खूबसूरत इल्तिजा ज़रूर क़ुबूल होगी

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  3. बहुत अच्छी रचना, बहुत सुंदर


    मेरी कोशिश होती है कि टीवी की दुनिया की असल तस्वीर आपके सामने रहे। मेरे ब्लाग TV स्टेशन पर जरूर पढिए।
    MEDIA : अब तो हद हो गई !
    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/07/media.html#comment-form

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  4. वाह बहुत सुन्दर

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  5. बहुत सुन्दर

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  6. बहुत सुन्दर

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  7. मेरी शुभकामनायें हैं आपको .....!

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  8. सुन्दर भावाभ्यक्ति आदरेया!

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  9. बहुत ही सुन्दर रचना वाह ,

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  10. बहुत ही सुन्दर रचना .

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  11. वाह...
    वो ख़्वाबों वाला प्यार.....

    बहुत सुन्दर.

    अनु

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  12. प्रेम के महीन अहसास की सुखद और
    बहुत सुंदर अनुभूति
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
    केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------

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  13. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शनिवार (20-07-2013) को विचलित व्यथित मन से कैसे खोलूँ द्वार पर "मयंक का कोना" में भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  14. .....मिल ही तो गया है वह कविताओं वाला प्यार..

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  15. सुन्दर ,प्यारी रचना....
    :-)

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  16. ख्वाब तो ख्वाब है उनका ऐतबार न कीजे ।

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  17. किताबों वाला प्यार...क्या बात है....ये किताबें ही हैं जो प्यार के रंग दिखाती हैं...मुश्किल ये है कि किताबों वाला प्यार दर्द भी बहुत देता है...पूरी कहानी और किताबों वाला प्यार ...सोचते ह अहसास फिर से जिंदा हो जाता है...जख्मों के बाद भी...लबों पर मुस्कुराहट आ ही जाती है..सच है यही तो प्यार की ताकत है

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  18. वाहः बहुत सुंदर अनुभूति...

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  19. जिसमे ढलती शामो के साथ,
    किसी के होने का एहसास होता है....

    कितनी सादगी ... कितना साफ़ सुथरा एहसास ... वाह !!!

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  20. बहुत कोमल रचना

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  21. बहुत खुबसुरत अभिव्यक्ति,आपको मेरी हार्दिक शुभ कामनायें.

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  22. बहुत अच्छी मर्म को छू जानेवाली रचना । बधाई । सस्नेह

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  23. बहुत अच्छी रचना, बहुत सुंदर

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  24. दुआ है जल्द मिल जाये .....:))

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  25. वाह ... लेखन का यह बेहतरीन अंदाज ... उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति की रचना करना

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  26. वो सब कुछ तो कलम और कागज से ही मिलता है जो आपको मिल ही रहा है...यथार्थ तो कुछ अलग ही होता है, बस नून तेल लकड़ी में जीवन निकल जाता है...
    आपकी इस अच्छी रचना के लिए आपको बधाई!!
    सादर/सप्रेम,
    सारिका मुकेश

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  27. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार २६ मई 2016 को में शामिल किया गया है।
    http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !

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