Tuesday 19 December 2017

प्यार को हारने नही दिया....!!!

बहुत इम्तहानों से गुजरा ये साल,
कभी तुम्हारे रूठने में,
कभी तुम्हे मनाने में..
कभी प्यार से भरी तुम्हारी  शिकायतों में,
कभी तुम्हे खो देने के डर से,
रातो की मेरी सिसकियों में..
बिखरते-बिखरते....
मेरे-तुम्हारे रिश्ते के सँवरने में...
इम्तहान था...तो फेल तो हुए,
पर हमारे बीच प्यार की गहराई के,
ग्रेश मार्क्स से पास भी हो गए...
नाराजगी,गलतिया,शिकायतें,
इन सब को दरकिनार कर,
बस हमारे प्यार ने,
प्यार को हारने नही दिया....!!!

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर

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  2. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग पर 'शनिवार' ३० दिसंबर २०१७ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  3. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग पर 'शनिवार' ३० दिसंबर २०१७ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  4. वाह ! खूबसूरत प्रस्तुति ! बहुत खूब आदरणीया ।

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  5. सच कहा समर्पण ही प्यार को परवान चढ़ाता है। प्रेम में परखने की नियति त्याज्य समझी गई है।
    कोमल एहसासों की नज़ाकतभरी रचना।
    बधाई एवं शुभकामनाएं।

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