Thursday 9 March 2017

खुद को ढूंढोगे...!!!

कभी तुम मुझे अखबारों में ढूंढोगे,
मेरी रची पंक्तियो में,
तुम मेरी सांसे गिनोगे....
मैं कहाँ हूँ,कैसी हूँ...
इन सवालो के जवाब,
पाने को बेचैन रहोगे..
जब मैं लिखती थी सिर्फ,
तुम्हारे लिए तब तुमने कभी पढ़ा नही..
अब जब मेरी रचना आती है अखबारो में,
तुम उनमे खुद को ढूंढोगे...!!!

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