Wednesday, 22 June 2016

जब मैं होती हूँ अकेली ...!!!

तुम्हारे साथ हो कर भी,
जब मैं होती हूँ अकेली ...
फिर शब्द भी बयाँ नही कर पाते,
वो टीस दिल की.....
कि जब तुम मिले तो,
मैंने सब कुछ छोड़ कर,
तुम संग होली...
तुम्ही मेरे हमसफ़र थे,
तुम्ही मेरी सखी....सहेली....
किससे कहूँ बात दिल की,
किसके साथ रो लूँ....
तुम्ही तो थे....
जिससे कहती थी सब कुछ,...
पर ना जाने क्यों....
तुम्हारे साथ हो कर भी,
जब मैं होती हूँ अकेली ...
फिर शब्द भी बयाँ नही कर पाते,
वो टीस दिल की.....!!!

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