Sunday 31 January 2016

Valentine day खतो की डायरी...

रोज मर्रा के कामो में मैं व्यस्त,
जैसे ही कलेंडर का महीना बदला की देखा कि,
1 February है, ये तो वही महीना,
वही दिन....
जब तुम्हारा मेरे साथ ख़तो का,
सिलसिला शुरू हुआ था,
मुझे याद है....
तुम मुझे प्यार से हीर कहते थे,
आज ही के दिन तुमने मुझे,
पहला खत दिया था,जिसको मैंने इतने बार पढ़ा था,
कि उस खत का इक-इक शब्द,।जैसे जहन में उतर गया, जिसमे लिखा था...
मेरी हीर,
आज के दिन से मैं तुम्हे हर रोज इक खत लिखूंगा...valentineday तक.... तुम्हे लिखूंगा किस तरह तुम मेरे ख़्यालो में रहती हो...तुम्हे लिखूंगा कि अपनी feelings को बताने के लिये,मेरे इक खत काफी नही है..मैं तुम्हारे करीब खुद को इन ख़तो के सिलसिलों से ले आऊंगा...जिसकी खुसबू तमाम उम्र तुम्हारे साथ रहेगी....
                                                  सिर्फ तुम्हारा
                                                    राँझा

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