Tuesday, 12 January 2016

मेरे शब्दों के है.......,!!!

तुमसे रिश्ते मेरे सभी...
शब्दों के है....
तुमने सुना नही कभी,
मैंने कहा नही कभी.....
तुम पढ़ लेते हो मुझको,
मैं लिख लेती हूँ तुमको..
तुमसे एहसास मेरे सभी....
शब्दों के है....
हम सदा अंजान ही रहे इक दूजे से,
तुम मिल लेते हो मुझसे
मैं छु लेती हूँ तुमको,
तुमसे बयाँ करते जज्बात मेरे सभी,
शब्दों के है....
इक दुरी सी थी हमारे दरमियाँ,
इक गहरी खामोशी की तन्हाईयाँ,
तुम्हारे सवालो के जवाब सभी,
मेरे शब्दों के है.......!!!

5 comments:

  1. तुम्हारे सवालो के जवाब सभी / मेरे शब्दों के है...
    बहुत सुन्दर!!

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. तुम्हारे सवालो के जवाब सभी,
    मेरे शब्दों के है.......!!!

    Nice... :)

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  4. बहुत सुन्दर रचना ।

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