कभी तो मेरे शब्दों ने....
उसकी धडकनों को छुआ तो होता.....
कभी तो मेरी ख़ामोशी को.....
कभी तो मेरे दिल का दर्द....
उसके दिल में उतर गया होता......
कभी तो मेरी यादो का झोका....
उसको छू कर गुजर गया होता.....
कभी तो यूँ चलते-चलते मेरे कदमो के निशां ने.....
उसके कदमो को रोका तो होता.......
कभी तो मेरी पलकों पर......
उसने अपने ख्वाबो को रखा तो होता......
मैं सच करती उसका हर ख्वाब.......
उसने मुझे पर थोडा भरोसा तो किया होता......
मैं साथ ही तो थी कभी तो......
उसने मुड़ कर देखा तो होता.........!!!
i have no word to explain...superb.
ReplyDeletekeep it up
Simplicity+ Attitude=U
ReplyDeleteहाँ ऐसा भी होता है कभी कभी .....'काश' इस एक शब्द से कायनात जुड़ी है...हम भी ...:)
ReplyDeletewo kah ke chale itani mulakat bahut hai.....
ReplyDeleteis baar kavita ke bhaw badal gaye hai...
abhivyakti bhawpurn hai
very nice.........
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति | आभार | आगे भी ऐसे ही लिखती रहिये और हमें आभार व्यक्त करने का मौका देते रहिये |
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बहुत सुंदर रचना,,,लाजबाब अभिव्यक्ति,,,l
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
recent post: गुलामी का असर,,,
kaash....behad sundar..
ReplyDeleteकाश.......
ReplyDeleteउसने मुझ पर न सही, खुद पर भरोसा किया होता..
मैं साथ ही तो थी,
कभी तो......
उसने मुड़ कर देखा तो होता.........!!!
superb.......
सुंदर रचना | बहुत खूब |
ReplyDeleteउम्दा प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई...६४वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं...
ReplyDeletebahut hi achcha...
ReplyDeleteमैं सच करती उसका हर ख्वाब.......
उसने मुझे पर थोडा भरोसा तो किया होता....
एक मलाल रह ही गया....
ReplyDeleteअब तक दर्द बाकी है..
सुन्दर भाव..
अनु
मैं साथ ही तो थी कभी तो......
ReplyDeleteउसने मुड़ कर देखा तो होता.........!!!
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteवन्देमातरम् !
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!
सुन्दर बन पड़ी है..
ReplyDeleteमैं साथ ही तो थी कभी तो......
ReplyDeleteउसने मुड़ कर देखा तो होता.........!!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
New postमेरे विचार मेरी अनुभूति: तुम ही हो दामिनी।
hii i am auther of blog http://differentstroks.blogspot.in/
ReplyDeletehereby nominate you to LIEBSTER BLOGERS AWARD.
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await your comment thanks
कभी तो मेरी पलकों पर......
ReplyDeleteउसने अपने ख्वाबो को रखा तो होता......
मैं सच करती उसका हर ख्वाब.......
उसने मुझे पर थोडा भरोसा तो किया होता......
मैं साथ ही तो थी कभी तो......
उसने मुड़ कर देखा तो होता.
अद्भुत आपका अंदाज़ गजब की चाहत
कभी तो मेरी पलकों पर......
ReplyDeleteउसने अपने ख्वाबो को रखा तो होता......
मैं सच करती उसका हर ख्वाब.......
उम्दा ख्याल है
सुदर अभिव्यक्ति ...दिल से निकली हुई रचना ...बहुत सुन्दर
ReplyDeletekaash.....bhawbhini ......
ReplyDeleteBhavuk rachna
ReplyDeleteachchi abhivyakti
ReplyDeleteसुन्दर पोस्ट।
ReplyDeleteयह कविता अनुभूतियों के सागर में भावनाओं की एक लहर है।
ReplyDeleteVery nice!
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
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