कुछ 'शब्द' समेटे है मैंने....तुम्हारे लिए... .
तुम कहो तो इन्हें पन्नो पर.........बिखेर दूँ.......
कुछ 'रंग' जिन्दगी से चुराये है.....तुम्हारे लिए...
तुम कहो तो जिन्दगी में तुम्हारी.....भर दूँ....
कुछ 'ख्वाब' छुपा लिए अपनी आखों में....तुम्हारे लिए...
तुम कहो तो तुम्हारी पलकों पर.....रख दूँ
कुछ 'लकीरे' किस्मत से चुराई है....तुम्हारे लिए...
तुम कहो तो तुम्हारी हथेलियों पर....सजा दूँ .....
कुछ 'लम्हे' संजो कर रखे है.....तुम्हारे लिए
तुम कहो तो तुम्हारे साथ.......गुजार लूँ.....
कुछ 'राहे' बना ली है.....तुम्हारे लिए...
तुम कहो तो तुम्हे मंजिल तक.....छोड़ दूँ.....
bahut khoob...
ReplyDeleteबढिया, बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत उम्दा अभिव्यक्ति,,,
ReplyDeleteकुछ कहूं उनसे मगर यह ख्याल होता है
शिकायतों का नतीजा मलाल होता है,,,,,
recent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति सोमवार के चर्चा मंच पर ।। मंगल मंगल मकरसंक्रांति ।।
ReplyDeleteबहुत प्यारी..भावभीनी रचना.
ReplyDeleteअनु
कुछ 'लकीरे' किस्मत से चुराई है....तुम्हारे लिए...
ReplyDeleteतुम कहो तो तुम्हारी हथेलियों पर....सजा दूँ .....
बहुत सुंदर............
कुछ 'रंग' जिन्दगी से चुराये है.....तुम्हारे लिए...
ReplyDeleteतुम कहो तो जिन्दगी में तुम्हारी.....भर दूँ...
बहुत बढिया
check my blog
http://drivingwithpen.blogspot.in/
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना ....
ReplyDeleteमकरसंक्रांति की शुभकामनाएँ !
Bilkul Sahi kaha apne.
ReplyDeleteBina kahe kux v kiya to dil khud se jabab magta hai.
bahut hi sunder.
प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteतुम्हारे लिए राहें बन गई मंजिल तक पहुँचने की तुम कहो तो छोड़ दूँ ... बहुत सुन्दर
ReplyDeleteतुम कहो तो तुम्हे मंजिल तक.....छोड़ दूँ.....
ReplyDeletemazil tak saath milega aur kya chaahiye bhala...:-)
sundar:-)
वाह देने का ये जज्बा बना रहे । वक़्त मिले तो जज़्बात पर भी आयें।
ReplyDeleteवाह ... बहुत ही अनुपम प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteअति सुन्दर लिखा है..
ReplyDeletebahut khoob...shandar.
ReplyDeleteतुम कहो तो इन्हें पन्नो पर.........बिखेर दूँ.......
gazab likha hai..
कुछ 'लम्हे' संजो कर रखे है.....तुम्हारे लिए
ReplyDeleteतुम कहो तो तुम्हारे साथ.......गुजार लूँ.....
कुछ 'राहे' बना ली है.....तुम्हारे लिए...
तुम कहो तो तुम्हे मंजिल तक.....छोड़ दूँ..
प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति.
lovely !
ReplyDeleteutam--**
ReplyDeletewahhh...Behtreen...
ReplyDeletehttp://ehsaasmere.blogspot.in/
बहुत खूब ... सच है प्रेम में सब कुछ उनका ही तो है ... उनके लिए ही तो है ...
ReplyDeleteबहुत खूब ..
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआदरेया -
शुभकामनायें
उद्धव लेकर चल पड़े, रो के रोके गोपि ।
मथुरा की धुन में किशन, झिड़के करके कोपि ।
झिड़के करके कोपि, सयानी गोपी बोली ।
शब्द रंग कुछ ख़्वाब, हस्त-रेखाएँ खोली ।
लम्हे रखी संजोय, बनाई राहें रविकर ।
कहिये तो हम चलें, चले ज्यों उद्धव लेकर ।।
बहुत प्यारी रचना..
ReplyDelete...बढ़िया तेवर !
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteकुछ 'लम्हे' संजो कर रखे है.....तुम्हारे लिए
ReplyDeleteतुम कहो तो तुम्हारे साथ.......गुजार लूँ.....
SO NICE LINES WITH DEEP THOUGHT AND FEELINGS
bahut pyare bhaav liye rachna
ReplyDeleteshubhkamnayen
बहुत सुन्दर रचना के लिए बधाई |
ReplyDeleteप्रेम और समर्पण की सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDelete~ मधुरेश
प्यार की इजहार का खुबसूरत अंदाज : सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteNew post कुछ पता नहीं !!! (द्वितीय भाग )
New post: कुछ पता नहीं !!!
बहुत प्यारी! बहुत खूबसूरत! ये छोटी-छोटी ख्वाहिशें जीवन में कितने सुंदर रंग भर देतीं हैं...
ReplyDelete~सादर!!!
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति .....आप भी पधारो आपका स्वागत है मेरा पता है ...http://pankajkrsah.blogspot.com
ReplyDeleteसमर्पण भाव. सुन्दर .
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
बहुत प्यारी भावमयी रचना...
ReplyDeleteबहुत खूब बहुतखूब बहुतखूब !क्या कहने हैं रूपकात्मक अभिव्यक्ति के प्रेम की मिश्री के ,सौन्दर्य के पैरहन के .परवाज़ लग गए हैं शब्दों के पैरहन को
ReplyDeleteगज़ब की अभिव्यक्ति,प्यार के इजहार करने का निराला अंदाज।
ReplyDeleteबहुत खूब!!
ReplyDeleteप्यार का नाम ही एक दूजे लिए होता है ..
बहुत प्रेमपूर्ण कविता।
ReplyDeleteविश्वास ही आधार है ....
ReplyDeleteशुभकामनाएं !
विश्वास ही आधार है ....
ReplyDeleteशुभकामनाएं !
wah..... ekdam man tak aa gayee.
ReplyDeleteवाह, बेहतरीन रचना
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी रचना.
ReplyDeleteअति सुंदर.....
:-)
WO IJAJAT DE TO YAKINAN..AHSAAS AUR BHI KHUBSUTAR HO JATA HAI...
ReplyDeleteबहुत खूब आत्मविश्वास से लबरेज़ विचार अर्थ की सशक्त अभिव्यक्ति -तू कहे अगर जीवन भर मैं राग सुनाता जाऊं ,सपनों को चुराता जाऊं ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव , खुबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeletelatest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
बहुत सुंदर
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