इतने पास हो तुम,
फिर भी तुमसे,
सरहदों की दूरियाँ लगती है.....
जितनी बेचैन करती है मुझे,
उतनी ही खुबसूरत ये दूरियाँ लगती है....
कभी ये कितनी यादे,ख्यालों को संजोती,
ये दूरियाँ लगती है....
कभी संजो कर रक्खी हर याद को बिखेरती,
ये दूरियाँ लगती है.....रिश्तो और जिन्दगी का हर रूप दिखाती,
ये दूरियाँ लगती है........
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ये दूरियाँ लगती है.....
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....bahut sundar.....
दूरियां भी नजदीकियों के लिए आवश्यक है
ReplyDeleteऔर फिर एनीमेशन चित्र के क्या कहने
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ये दूरियाँ लगती है.....bahut achcha likhi hain.....
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ये दूरियाँ लगती है.....बहुत खूब !!
दूरियां इम्तहान ही लेती हैं।
ReplyDeleteअच्छी कविता।
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ReplyDeleteये दूरियाँ लगती है.....
दूर रहने से रिश्तों की सार्थकता समझ में आ आती है ...!!
सुंदर विचार ...!!
रिश्तों का इम्तिहान लेती है दूरियां !
ReplyDeleteसच ही !
सरहदों की दूरियाँ लगती है.....
ReplyDeleteजितनी बेचैन करती है मुझे,
उतनी ही खुबसूरत ये दूरियाँ लगती है....बहुत सच्चे ख्याल
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ..
इसलिए दूरियों को जितना दूर रखा जाये उतना ही अच्छा है !
बहुत ही सुन्दर लेखन..... ये दूरियां......
ReplyDeleteसुषमा जी......शुभकामनायें.
बहुत खूब सुषमा जी!
ReplyDeleteसादर
कभी पास होकर भी होती है दूरियां......
ReplyDeleteकभी दूर होकर भी होते हैं करीब..................
सुंदर भाव सुषमा जी.
इन दूरियों से ही ...जिंदगी नजदीक सी लगती हैं
ReplyDeleteकभी कभी दूरियाँ नज़दीकियाँ बना देती हैं .... सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब।
ReplyDeleteकल 16/05/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
...'' मातृ भाषा हमें सबसे प्यारी होती है '' ...
दूरियां इम्तेहान तो लेती हैं .. देखती हाँ की कितनी नजदीकियां बन आई हैं इस दूरियों में ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
distance has its own dignity...
ReplyDeleteरिश्तो और जिन्दगी का हर रूप दिखाती,
ReplyDeleteये दूरियाँ लगती है........
बहुत ही नाजुक भाव.
komal ahsas yukt behad sundar rachana:-)
ReplyDeleteये दूरियाँ ही तो नजदीकियाँ भी है...सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई..
ReplyDeleteसुन्दर विन्यास
ReplyDeleteहर एक पंक्तियाँ अद्भुत सुन्दर है जिसे आपने बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया है!
ReplyDeleteलाज़वाब...बहूत ही उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..आभार
ReplyDeleteसुन्दर मनोभावों से मढ़ी हुई प्यारी रचना
ReplyDeleteसरहदों की दूरियाँ लगती है.....
ReplyDeleteजितनी बेचैन करती है मुझे,
उतनी ही खुबसूरत ये दूरियाँ लगती है....
सुन्दर अभिव्यक्ति.
दूरियां उतनी ही रखें की उन्हें जिंदगी में तय की जा सके .जिन्दंगी के बाद चार कांधों पर नहीं.
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ..
इसलिए दूरियों को जितना दूर रखा जाये उतना ही अच्छा है !
दूरियों और नजदीकियों का एहसास मानसिक ज्यादा है .अच्छी पोस्ट /रचना है .
ReplyDeleteअच्छा चित्रण किया है आप ने...सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई..
ReplyDeletebahut sundar aur shandar post
ReplyDeletesundar prastuti
ReplyDeleteकभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
खूबसूरत रचना...
सादर बधाई।
बहुत सुन्दर रचना....
ReplyDeleteदूसरा ब्रम्हाजी मंदिर आसोतरा में .....
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ये दूरियाँ लगती है....
.
वाह ,,,, बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,,
पोस्ट पर आने के लिये आभार,.....
समर्थक बन गया हूँ आपभी बने तो मुझे खुशी होगी,...आभार
RECENT POST काव्यान्जलि ...: किताबें,कुछ कहना चाहती है,....
दिलों में दूरियां न हो तो मीलों कि दूरियां कुछ नहीं कर पायेंगी.
ReplyDeleteduriyo mein ishq aur panapata hain
ReplyDeleteकभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ये दूरियाँ लगती है..
sundar lines
aapka blog kafi accha hain
i will follow your blog now
Thanks
http://drivingwithpen.blogspot.in/
कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
ReplyDeleteकभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ये दूरियाँ लगती है.....
....बहुत सुन्दर अहसास...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...
वाह क्या खूब, लिखती हैं आप।
ReplyDeleteदिल में रहते थे जो कभी अब वो
दिल की जां ही निकाल देते हैं,
इतना आसान हो गया हूं मैं
लोग मुश्किल में डाल देते हैं।।
सुषमा जी, कभी फुरसत में मेरे ब्लाग के इस लिंक पर भी क्लिक कीजियेगा।
ReplyDeletehttp://atulkavitagajal.blogspot.in/
ReplyDeleteयकीनन... एक सुन्दर पोस्ट....
ReplyDeleteअक्सर दूरियाँ प्यार और बढ़ा देती हैं ....
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति !!
apko pahlee dafaa padhne ka mauka mila vaqayi aap ek din itihas rachengi
ReplyDeletebahut hi sunder likha hai
ReplyDelete