Monday, 14 May 2012

ये दूरियाँ.....!!!


इतने पास हो तुम,
फिर भी तुमसे,                                   
सरहदों की दूरियाँ लगती है.....
जितनी बेचैन करती है मुझे,
उतनी ही खुबसूरत ये दूरियाँ लगती है....


कभी ये कितनी यादे,ख्यालों को संजोती,
ये दूरियाँ लगती है....
कभी संजो कर रक्खी हर याद को बिखेरती,
ये दूरियाँ लगती है.....
रिश्तो और जिन्दगी का हर रूप दिखाती,
ये दूरियाँ लगती है........


कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
ये दूरियाँ लगती है.....

45 comments:

  1. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....bahut sundar.....

    ReplyDelete
  2. दूरियां भी नजदीकियों के लिए आवश्यक है
    और फिर एनीमेशन चित्र के क्या कहने

    ReplyDelete
  3. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
    हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
    ये दूरियाँ लगती है.....bahut achcha likhi hain.....

    ReplyDelete
  4. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
    हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
    ये दूरियाँ लगती है.....बहुत खूब !!

    ReplyDelete
  5. दूरियां इम्तहान ही लेती हैं।
    अच्छी कविता।

    ReplyDelete
  6. हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
    ये दूरियाँ लगती है.....

    दूर रहने से रिश्तों की सार्थकता समझ में आ आती है ...!!
    सुंदर विचार ...!!

    ReplyDelete
  7. रिश्तों का इम्तिहान लेती है दूरियां !
    सच ही !

    ReplyDelete
  8. सरहदों की दूरियाँ लगती है.....
    जितनी बेचैन करती है मुझे,
    उतनी ही खुबसूरत ये दूरियाँ लगती है....बहुत सच्चे ख्याल

    ReplyDelete
  9. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ..

    इसलिए दूरियों को जितना दूर रखा जाये उतना ही अच्छा है !

    ReplyDelete
  10. बहुत ही सुन्दर लेखन..... ये दूरियां......
    सुषमा जी......शुभकामनायें.

    ReplyDelete
  11. बहुत खूब सुषमा जी!

    सादर

    ReplyDelete
  12. कभी पास होकर भी होती है दूरियां......
    कभी दूर होकर भी होते हैं करीब..................

    सुंदर भाव सुषमा जी.

    ReplyDelete
  13. इन दूरियों से ही ...जिंदगी नजदीक सी लगती हैं

    ReplyDelete
  14. कभी कभी दूरियाँ नज़दीकियाँ बना देती हैं .... सुंदर प्रस्तुति

    ReplyDelete
  15. वाह ...बहुत खूब।

    कल 16/05/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    ...'' मातृ भाषा हमें सबसे प्यारी होती है '' ...

    ReplyDelete
  16. दूरियां इम्तेहान तो लेती हैं .. देखती हाँ की कितनी नजदीकियां बन आई हैं इस दूरियों में ... बहुत खूब ...

    ReplyDelete
  17. बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    ReplyDelete
  18. distance has its own dignity...

    ReplyDelete
  19. रिश्तो और जिन्दगी का हर रूप दिखाती,
    ये दूरियाँ लगती है........

    बहुत ही नाजुक भाव.

    ReplyDelete
  20. ये दूरियाँ ही तो नजदीकियाँ भी है...सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई..

    ReplyDelete
  21. सुन्दर विन्यास

    ReplyDelete
  22. हर एक पंक्तियाँ अद्भुत सुन्दर है जिसे आपने बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया है!

    ReplyDelete
  23. लाज़वाब...बहूत ही उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..आभार

    ReplyDelete
  24. सुन्दर मनोभावों से मढ़ी हुई प्यारी रचना

    ReplyDelete
  25. सरहदों की दूरियाँ लगती है.....
    जितनी बेचैन करती है मुझे,
    उतनी ही खुबसूरत ये दूरियाँ लगती है....
    सुन्दर अभिव्यक्ति.

    दूरियां उतनी ही रखें की उन्हें जिंदगी में तय की जा सके .जिन्दंगी के बाद चार कांधों पर नहीं.

    ReplyDelete
  26. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ..

    इसलिए दूरियों को जितना दूर रखा जाये उतना ही अच्छा है !

    ReplyDelete
  27. दूरियों और नजदीकियों का एहसास मानसिक ज्यादा है .अच्छी पोस्ट /रचना है .

    ReplyDelete
  28. अच्छा चित्रण किया है आप ने...सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...

    ReplyDelete
  29. सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई..

    ReplyDelete
  30. bahut sundar aur shandar post

    ReplyDelete
  31. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....

    खूबसूरत रचना...
    सादर बधाई।

    ReplyDelete
  32. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
    हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
    ये दूरियाँ लगती है....
    .
    वाह ,,,, बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,,
    पोस्ट पर आने के लिये आभार,.....

    समर्थक बन गया हूँ आपभी बने तो मुझे खुशी होगी,...आभार

    RECENT POST काव्यान्जलि ...: किताबें,कुछ कहना चाहती है,....

    ReplyDelete
  33. दिलों में दूरियां न हो तो मीलों कि दूरियां कुछ नहीं कर पायेंगी.

    ReplyDelete
  34. duriyo mein ishq aur panapata hain

    कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
    हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
    ये दूरियाँ लगती है..

    sundar lines
    aapka blog kafi accha hain
    i will follow your blog now

    Thanks
    http://drivingwithpen.blogspot.in/

    ReplyDelete
  35. कभी नजदीकियां बढ़ा देती है..ये दूरियाँ,
    कभी यादें भी मिटा देती है...ये दूरियाँ....
    हमारे रिश्तो का इम्तहान सा लेती....
    ये दूरियाँ लगती है.....

    ....बहुत सुन्दर अहसास...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

    ReplyDelete
  36. वाह क्या खूब, लिखती हैं आप।
    दिल में रहते थे जो कभी अब वो
    दिल की जां ही निकाल देते हैं,
    इतना आसान हो गया हूं मैं
    लोग मुश्किल में डाल देते हैं।।

    ReplyDelete
  37. सुषमा जी, कभी फुरसत में मेरे ब्लाग के इस लिंक पर भी क्लिक कीजियेगा।

    ReplyDelete
  38. http://atulkavitagajal.blogspot.in/

    ReplyDelete
  39. यकीनन... एक सुन्दर पोस्ट....

    ReplyDelete
  40. अक्सर दूरियाँ प्यार और बढ़ा देती हैं ....
    सुंदर अभिव्यक्ति !!

    ReplyDelete
  41. apko pahlee dafaa padhne ka mauka mila vaqayi aap ek din itihas rachengi

    ReplyDelete