Saturday 26 November 2011

कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं..... !!!


अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं,
जो हो रहा है वो समय की नियति है,
उसे रोक भी नही सकती....
जिसे पाने की सारी उम्मीदे खत्म हो चुकी है,
फिर भी उसी का इंतज़ार कर रही हूँ मैं.....


सपने सारे टूट चुके है, 
दर्द हद से गुज़र चूका है,
होटों पे मुस्कान लिए,
सब कुछ होते देख रही हूँ मैं.....
फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं......


दिल और दिमाग की जंग में 
जीत हर बार दिल की हो रही है......
हकीकत  को बूरा ख्वाब मान कर,
ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल, 
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं..... 



69 comments:

  1. बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  2. दिल और दिमाग की जंग में
    जीत हर बार दिल की हो रही है......
    हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
    ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.....


    बेहद सुंदर प्रस्तुति ....सच में जब जीवन में ऐसा समय आता है तो हार दिमाग की और जीत दिल की होती है ...!

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  3. जब हकीकत बुरी हो तो उसे बुरे ख्वाब की तरह भूलना अच्छा ..अच्छी प्रस्तुति

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  4. ज़िन्दगी को साक्षी भाव से जी सकें तो बहुत अच्छा है...एक चलचित्र सी लगती है...जिसके हीरो हम हैं...

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  5. उम्‍मीद पर ही दुनिया कायम है....
    सुंदर रचना।
    गहरे भाव....

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  6. जिन्दगी की जुंग का खूबसूरत चित्रण किया है

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  7. दिल को छू लेने वाली रचना. दिल की जीत दर्द देती है और सुकून भी.

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  8. बहुत सुंदर प्रस्तुति,..
    ऐसी परिस्थतियो में आखिर में
    जीत दिल की ही होती है,//
    बेहतरीन रचना,..बधाई ..
    मेरे नए पोस्ट में आपका इंतज़ार है ...

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  9. तू क्यूँ व्यर्थ बैठ की रोती है...
    हर शाम की निश्चित ही सुबह होती है.....
    आशा का नाम ही तो भला जीवन है.....
    वही पग पग पे नए हौसले संजोती है.....

    मनोज

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  10. सुंदर रचना
    ढेरो सुभकामनाएँ !

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  11. सपने सारे टूट चुके है,
    दर्द हद से गुज़र चूका है,
    होटों पे मुस्कान लिए,
    सब कुछ होते देख रही हूँ मैं.....
    फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
    न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
    अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं......
    yah bhatkaav kabhi to khtm hoga..aasha rkhen..

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  12. दिल और दिमाग की जंग में
    जीत हर बार दिल की हो रही है......
    हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
    ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
    अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....poori zindagi kashmakash me gujar jati hai

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  13. "दर्द हद से गुज़र चूका है,
    होटों पे मुस्कान लिए,
    सब कुछ होते देख रही हूँ मैं....."
    बहुत खूब..बेहद भावपूर्ण सुंदर प्रस्तुति..

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  14. बहुत सुन्दर ..परिस्थिति कैसी भी हो जीत .हौसले रखने वालो की ही होती है..

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  15. गज़ब की कशमकश :)

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  16. ये कश्मकश बड़ी यातना देता है...

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  17. इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.

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  18. नशीली आँख में बादल का छाना
    तेरा आना है
    अकेली रात में नींदें उड़ाना
    तेरा आना है!

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  19. अच्छी रचना के लिए आपको बधाई । आप हमेशा सृजनरत रहें और मेरे ब्लॉग पर आपकी सादर उपस्थिति बनी रहे । धन्यवाद ।

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  20. दिल और दिमाग की जंग में
    जीत हर बार दिल की हो रही है......bahut khub...

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  21. दिल और दिमाग की जंग में
    जीत हर बार दिल की हो रही है......
    हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
    ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
    अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....

    प्यार में ऐसा ही होता है. आपने दिल के भावो को शब्द दे दिया है.

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  22. दिल और दिमाग की जंग में
    जीत हर बार दिल की हो रही है....

    bhut sachhi rachna.......

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  23. Very nice poem! Thanks and God bless you!

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  24. फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
    न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.

    .....आशावादी दृष्टिकोण और

    दिल की हर बार जीत होना ...मशीन से मनुष्य को अलग करता है

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  25. वाह बेहद खूबसूरत रचना

    आभार !!

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  26. बार बार पढ़कर भी दिल नहीं भरा !

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  27. सुषमा जी उम्मीद और आशाएं बहुत ही काम आती है ..आइये भरोसा रखें ...प्यारी कृति ..हिंदी बनाते समय शब्द पर ऐसे ध्यान रखें

    ..भ्रमर ५

    सपने सारे टूट चुके है,
    दर्द हद से गुज़र चुका है,
    होठों पे मुस्कान लिए,
    सब कुछ होते देख रही हूँ मैं..

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  28. खुद पे भरोसा होना जरुरी है

    सुन्दर शब्द संयोजन

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  29. उम्मीदों का दामन थामे, राही चलता चल तू जग में
    कुछ इक टूटेंगे रे सपने, चुभ भी जाते कांटे पग में


    सादर....

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  30. shushma ji , "kasmas se gujar rhi hoon main"

    behad khoob soorat lagee . apki rachana ne anubhutiyon ko jeevant kiya hai .

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  31. wahh
    apki is rachana ka jawab nahi...
    ati uttam or lajawab rachana hai..

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  32. सपने सारे टूट चुके है,
    दर्द हद से गुज़र चूका है,
    होटों पे मुस्कान लिए,
    सब कुछ होते देख रही हूँ मैं.....
    फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
    न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.

    Behad hi khubsurat rachna hai ...!!

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  33. फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
    न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
    baht khub badhai

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  34. उम्मीद और आशा ही तो उबारे गी कशमकश से । सुंदर प्रस्तुति ।

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  35. आशा और उम्मीद ही उबारेगी इस कशमकश से । सुंदर प्रस्तुति ।

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  36. ऐसा तो बहुतों के साथ होता है .... आप इसे शब्दों में ढाल सकीं हैं..... बहुत सुंदर

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  37. सब कुछ खो कर भी जीना जहाँ मे, माना इतना भी आसान नही
    टूटे सपनों के दर्पन से हकीकत के रास्ते भी देखे है हमने...

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  38. बहुत अच्छी भावनात्मक अभिव्यक्ति है...
    ह्रदय से बधाई.

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  39. हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
    ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
    अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....

    बहुत अच्छी कशमकश प्रस्तुत की है आपने.
    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

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  40. गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! हर एक पंक्तियाँ दिल को छू गई !

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  41. जीवन की हकीकत से घबरा कर हम जीवन के ख़्वाबों की खिड़की खोल लेते हैं. यह स्वाभाविक है. बहुत सुंदर कविता.

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  42. गहन भावों की सुंदर अभिव्यक्ति....

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  43. बहुत अच्छी भावनात्मक अभिव्यक्ति है..

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  44. बहुत ही भावुक होकर लिखी गई अनुभूति में आशा की किरण साथ है, जगमाती सुबह जरूर आएगी.

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  45. रचना रचने के लिए .. अहसास बहुत जरूरी हैं !और वो आप के पास भरपूर है |सुंदर अहसास महसूस कराने के लिए के लिएअपनी रचना पर बधाई स्वीकारें | मेरे ब्लॉग पर मुझे मान-सम्मान देने के लिए .....
    खुश और स्वस्थ रहें !
    आशीर्वाद!

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  46. सुन्दर, भावपूर्ण प्रस्तुति !
    आभार !

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  47. May Ramji give u enuf strength so dat u may move ahead.... may da conspiracy of love nt ruin another lyf... take care

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  48. बहुत सुन्दर रचना पर जिंदगी से हार मानना अपने आप से हार मानना होगा इसलिए हिम्मत नहीं हारना बस ऐसे ही आगे बढते रहना |
    बहुत सुन्दर |

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  49. भावों की सुंदर अभिव्यक्ति.

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  50. शुभकामनायें स्वीकार करें ! !

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  51. बेहद खूबसूरत रचना

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  52. दिल और दिमाग की जंग में
    जीत हर बार दिल की हो रही है......
    हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
    ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
    अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....

    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ... कविता में एक लय है जो अंत तक बाँधी रखी रहती है .. और मन में एक अजीब से दर्द को जन्म दे रही है..

    विजय

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  53. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||

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  54. बहुत ही सटीक भाव..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    बेहद खूबसूरत ...पोस्ट
    शुक्रिया ..इतना उम्दा लिखने के लिए !!

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  55. ये कशमकश से भारी जिन्दगी ......उफ़...खूबसूरत प्रस्तुति

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  56. इस कशमकश में जीवन बीत जाता है ... एहसास रह जाते हैं ...

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  57. इस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।

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