अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं,
जो हो रहा है वो समय की नियति है,

जिसे पाने की सारी उम्मीदे खत्म हो चुकी है,
फिर भी उसी का इंतज़ार कर रही हूँ मैं.....
सपने सारे टूट चुके है,
दर्द हद से गुज़र चूका है,
होटों पे मुस्कान लिए,
सब कुछ होते देख रही हूँ मैं.....
फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं......
दिल और दिमाग की जंग में
जीत हर बार दिल की हो रही है......
हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....
बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteदिल और दिमाग की जंग में
ReplyDeleteजीत हर बार दिल की हो रही है......
हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.....
बेहद सुंदर प्रस्तुति ....सच में जब जीवन में ऐसा समय आता है तो हार दिमाग की और जीत दिल की होती है ...!
जब हकीकत बुरी हो तो उसे बुरे ख्वाब की तरह भूलना अच्छा ..अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteज़िन्दगी को साक्षी भाव से जी सकें तो बहुत अच्छा है...एक चलचित्र सी लगती है...जिसके हीरो हम हैं...
ReplyDeleteउम्मीद पर ही दुनिया कायम है....
ReplyDeleteसुंदर रचना।
गहरे भाव....
ati sundar post...abhar
ReplyDeleteजिन्दगी की जुंग का खूबसूरत चित्रण किया है
ReplyDeleteदिल को छू लेने वाली रचना. दिल की जीत दर्द देती है और सुकून भी.
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति,..
ReplyDeleteऐसी परिस्थतियो में आखिर में
जीत दिल की ही होती है,//
बेहतरीन रचना,..बधाई ..
मेरे नए पोस्ट में आपका इंतज़ार है ...
तू क्यूँ व्यर्थ बैठ की रोती है...
ReplyDeleteहर शाम की निश्चित ही सुबह होती है.....
आशा का नाम ही तो भला जीवन है.....
वही पग पग पे नए हौसले संजोती है.....
मनोज
सुंदर रचना
ReplyDeleteढेरो सुभकामनाएँ !
सपने सारे टूट चुके है,
ReplyDeleteदर्द हद से गुज़र चूका है,
होटों पे मुस्कान लिए,
सब कुछ होते देख रही हूँ मैं.....
फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं......
yah bhatkaav kabhi to khtm hoga..aasha rkhen..
बहुत खूब!
ReplyDeleteसादर
दिल और दिमाग की जंग में
ReplyDeleteजीत हर बार दिल की हो रही है......
हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....poori zindagi kashmakash me gujar jati hai
"दर्द हद से गुज़र चूका है,
ReplyDeleteहोटों पे मुस्कान लिए,
सब कुछ होते देख रही हूँ मैं....."
बहुत खूब..बेहद भावपूर्ण सुंदर प्रस्तुति..
बहुत सुन्दर ..परिस्थिति कैसी भी हो जीत .हौसले रखने वालो की ही होती है..
ReplyDeleteगज़ब की कशमकश :)
ReplyDeleteये कश्मकश बड़ी यातना देता है...
ReplyDeleteइस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteनशीली आँख में बादल का छाना
ReplyDeleteतेरा आना है
अकेली रात में नींदें उड़ाना
तेरा आना है!
bahut bhawuk karti hui......
ReplyDeletebahut khoob....
ReplyDeleteअच्छी रचना के लिए आपको बधाई । आप हमेशा सृजनरत रहें और मेरे ब्लॉग पर आपकी सादर उपस्थिति बनी रहे । धन्यवाद ।
ReplyDeleteदिल और दिमाग की जंग में
ReplyDeleteजीत हर बार दिल की हो रही है......bahut khub...
दिल और दिमाग की जंग में
ReplyDeleteजीत हर बार दिल की हो रही है......
हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....
प्यार में ऐसा ही होता है. आपने दिल के भावो को शब्द दे दिया है.
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteदिल और दिमाग की जंग में
ReplyDeleteजीत हर बार दिल की हो रही है....
bhut sachhi rachna.......
Very nice poem! Thanks and God bless you!
ReplyDeleteफिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
ReplyDeleteन जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
.....आशावादी दृष्टिकोण और
दिल की हर बार जीत होना ...मशीन से मनुष्य को अलग करता है
what a beautiful composition.
ReplyDeleteवाह बेहद खूबसूरत रचना
ReplyDeleteआभार !!
बार बार पढ़कर भी दिल नहीं भरा !
ReplyDeletenice ....
ReplyDeleteसुषमा जी उम्मीद और आशाएं बहुत ही काम आती है ..आइये भरोसा रखें ...प्यारी कृति ..हिंदी बनाते समय शब्द पर ऐसे ध्यान रखें
ReplyDelete..भ्रमर ५
सपने सारे टूट चुके है,
दर्द हद से गुज़र चुका है,
होठों पे मुस्कान लिए,
सब कुछ होते देख रही हूँ मैं..
Ek Sundar rachna
ReplyDeleteखुद पे भरोसा होना जरुरी है
ReplyDeleteसुन्दर शब्द संयोजन
उम्मीदों का दामन थामे, राही चलता चल तू जग में
ReplyDeleteकुछ इक टूटेंगे रे सपने, चुभ भी जाते कांटे पग में
सादर....
shushma ji , "kasmas se gujar rhi hoon main"
ReplyDeletebehad khoob soorat lagee . apki rachana ne anubhutiyon ko jeevant kiya hai .
wahh
ReplyDeleteapki is rachana ka jawab nahi...
ati uttam or lajawab rachana hai..
सपने सारे टूट चुके है,
ReplyDeleteदर्द हद से गुज़र चूका है,
होटों पे मुस्कान लिए,
सब कुछ होते देख रही हूँ मैं.....
फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
न जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
Behad hi khubsurat rachna hai ...!!
फिर भी उम्मीदों और आशाओं का हाथ थामे,
ReplyDeleteन जाने कहाँ चलती जा रही हूँ मैं,.
baht khub badhai
उम्मीद और आशा ही तो उबारे गी कशमकश से । सुंदर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआशा और उम्मीद ही उबारेगी इस कशमकश से । सुंदर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteऐसा तो बहुतों के साथ होता है .... आप इसे शब्दों में ढाल सकीं हैं..... बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ...
ReplyDeleteसब कुछ खो कर भी जीना जहाँ मे, माना इतना भी आसान नही
ReplyDeleteटूटे सपनों के दर्पन से हकीकत के रास्ते भी देखे है हमने...
बहुत अच्छी भावनात्मक अभिव्यक्ति है...
ReplyDeleteह्रदय से बधाई.
हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
ReplyDeleteख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....
बहुत अच्छी कशमकश प्रस्तुत की है आपने.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! हर एक पंक्तियाँ दिल को छू गई !
ReplyDeleteजीवन की हकीकत से घबरा कर हम जीवन के ख़्वाबों की खिड़की खोल लेते हैं. यह स्वाभाविक है. बहुत सुंदर कविता.
ReplyDeletesundar
ReplyDeletewww.poeticprakash.com
गहन भावों की सुंदर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteबहुत अच्छी भावनात्मक अभिव्यक्ति है..
ReplyDeleteबहुत ही भावुक होकर लिखी गई अनुभूति में आशा की किरण साथ है, जगमाती सुबह जरूर आएगी.
ReplyDeleteरचना रचने के लिए .. अहसास बहुत जरूरी हैं !और वो आप के पास भरपूर है |सुंदर अहसास महसूस कराने के लिए के लिएअपनी रचना पर बधाई स्वीकारें | मेरे ब्लॉग पर मुझे मान-सम्मान देने के लिए .....
ReplyDeleteखुश और स्वस्थ रहें !
आशीर्वाद!
सुन्दर, भावपूर्ण प्रस्तुति !
ReplyDeleteआभार !
May Ramji give u enuf strength so dat u may move ahead.... may da conspiracy of love nt ruin another lyf... take care
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना पर जिंदगी से हार मानना अपने आप से हार मानना होगा इसलिए हिम्मत नहीं हारना बस ऐसे ही आगे बढते रहना |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर |
भावों की सुंदर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteशुभकामनायें स्वीकार करें ! !
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत रचना
ReplyDeleteदिल और दिमाग की जंग में
ReplyDeleteजीत हर बार दिल की हो रही है......
हकीकत को बूरा ख्वाब मान कर,
ख्वाबो में जी रही हूँ मैं.......आजकल,
अज़ब जिन्दगी की कशमकश से गुज़र रही हूँ मैं.....
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ... कविता में एक लय है जो अंत तक बाँधी रखी रहती है .. और मन में एक अजीब से दर्द को जन्म दे रही है..
विजय
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteVery nice!
ReplyDeleteबहुत ही सटीक भाव..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत ...पोस्ट
शुक्रिया ..इतना उम्दा लिखने के लिए !!
ये कशमकश से भारी जिन्दगी ......उफ़...खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteइस कशमकश में जीवन बीत जाता है ... एहसास रह जाते हैं ...
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
ReplyDeleteADBHUT RACHNAYEN........
ReplyDeleteDEEPAK KULLUVI