Wednesday 2 November 2011

मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ......!



मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ....
जो तुम्हारे शब्दों के साथ ढल सके......
मैं मिल सकू या न मिल सकू....पर 
मेरे शब्द तो तुम्हारे शब्दों से मिल सके.... 

मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ...
जो तुम्हारे एह्सासो मे ढल जाए.....
मेरी  खामोशी को तुम समझ सको या न समझ सको...
तुम्हारी खामोशी को मेरे शब्द मिल जाए...... 

मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... 
जो तुम्हारा दर्द तुम्हारी उदासी को खुद मे समेट ले.....
मैं साथ हूँ तुम्हारे मैं कह सकू या न कह सकू... 
मेरे शब्द तुमसे मेरी हर बात कह दे....
मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!

65 comments:

  1. behtareen..talaashiye...agar mile to awagat karaega.. :)

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  2. kitini koshish karti he nari purush ke pad chinhon par chalne ki lekin apna kahne ko uske pas fir bhi kuchh nahi hai.

    sunder prastuti.

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  3. बेहतरीन प्रस्‍तुति।

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  4. मेरी खामोशी को तुम समझ सको या न समझ सको...
    तुम्हारी खामोशी को मेरे शब्द मिल जाए......
    bhhut hi khubsurat..
    gud work, & nice blog..

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  5. आपकी यह शब्दों की खोज सफल हो....

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  6. मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ....
    जो तुम्हारे शब्दों के साथ ढल सके......
    मैं मिल सकू या न मिल सकू....पर
    मेरे शब्द तो तुम्हारे शब्दों से मिल सके....prem kee gahanta hai

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  7. m tumhare lie shabd dhundhtu hu aur tum mere shabd hi nahi samajhte.. itna antar.. itni doori..

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  8. मैं मिल सकू या न मिल सकू....पर
    मेरे शब्द तो तुम्हारे शब्दों से मिल सके.... very nice...

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  9. Beautifully crafted......awesomely awesome Sushma..

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  10. हाँ होता है ऐसा और उस भाव को खूब संजोया है।

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  11. mil sakun ya na mil sakun par
    mere shbd to tumhare shbdon se mil saken.....
    behtareen khwahish... sundar rachna..

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  12. कितनी खूबसूरती से शब्दों का ताना बना बुना है आपने.

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  13. खूबसूरत कविता.. बहुत बढ़िया...

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  14. सुन्दर भावो का गहन अहसास...

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  15. बहुत सुन्दर वो शब्द ढूँढती हूँ मैं ...........बेहतरीन लगी पोस्ट|

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  16. तुमसे अपनी बात कह सके , वह हर शब्द ढूंढती हूँ ...
    मिल गये न वही शब्द ...
    शुभकामनायें !

    यूँ तो हर व्यक्ति की अपनी निजी पसंदगी की बात है , किस रंग का प्रयोग करे, मगर यहाँ काले बैक ग्राउंड का प्रयोग आँखों को बहुत चुभता है, हो सके तो इस पर विचार करें !

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  17. बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति

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  18. bahut hi achchi rachna...
    subhkaamnayen...
    jai hind jai bharat

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  19. मैं साथ हूँ तुम्हारे मैं कह सकू या न कह सकू...
    मेरे शब्द तुमसे मेरी हर बात कह दे....
    मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!

    अच्छी बात है। समर्पण की यह भावना बनी रहे।

    सादर

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  20. प्रेम के ही शब्द हैं वो ...
    बहुत ही लाजवाब अभिव्यक्ति है ..

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  21. sushhma ji
    bahut hi khoobsurati ke saath shbdon ke sahaare aapne apne man ki chah ko shabdo me dhaal diya hai.
    bahut hi behtreen-----
    poonam

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  22. समर्पण का सुंदर शब्द-चित्र.

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  23. शब्द शब्दश: शब्दमय हैं

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  24. तुम अपने रंज-ओ-गम परेशानी मुझे देदो...

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  25. मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ...
    जो तुम्हारे एह्सासो मे ढल जाए.....
    मेरी खामोशी को तुम समझ सको या न समझ सको...
    तुम्हारी खामोशी को मेरे शब्द मिल जाए......

    भावनात्मक प्रस्तुति....

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  26. प्रेम की इस पराकाष्ठा ने हमे निशब्द कर दिया ..

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  27. बेहतरीन भाव लिए शब्द संयोजन

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  28. बहुत खूबसूरत रचना अहसासों की माला में पिरोई हुई खूबसूरत रचना |

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  29. अति सुन्दर अभीव्यक्ति

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  30. वाह! बहुत सुन्दर शब्द और भाव है आपके,सुषमा जी.
    आपकी अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार.

    एक अर्सा हो गया है आपको मेरे ब्लॉग पर आये.
    लगता है अब वह बात नही मेरे ब्लॉग में जो आपको भाये.

    अब आप ही बताएं मैं क्या करूँ.
    आपके दर्शन हों,ऐसा कुछ लिखूँ.

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  31. बहुत ही खूबसूरत अहसास हैं ! काश इन शब्दों को सुनाने वाला हृदय भी उतना ही संवेदनशील हो इन्हें आत्मसात कर पाये ! अनुपम रचना और अद्भुत अभिव्यक्ति ! बधाई !

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  32. बहुत ही अच्छी एवं एक ख़ास एहसास से लैस रचना के लिए दिल से बधाई सुषमा जी !!!

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  33. अनुभूति को कुरेदती बेहतरीन भावपूर्ण विरेचक प्रस्तुति .

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  34. बहुत ही खूबसूरत अहसास हैं कविता अच्छी लगी ।

    कभी हमारे ब्लॉग पर भी पधारे सुषमा जी

    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    पर आपका स्वागत है
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  35. Sundar Prastuti.
    TRILOK SINGH THAKURELA

    triloksinghthakurela.blogspot.com

    trilokthakurela@gmail.com

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  36. सुषमा जी बहुत सुन्दर ..ऐसा ही होता है प्यार जहाँ होता है त्याग ही त्याग ..उस पर सर्वस्व लुटा देने का मन ...अति सुन्दर गहन अभिव्यक्ति
    भ्रमर ५


    मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ....
    जो तुम्हारा दर्द तुम्हारी उदासी को खुद मे समेट ले.....
    मैं साथ हूँ तुम्हारे मैं कह सकू या न कह सकू...
    मेरे शब्द तुमसे मेरी हर बात कह दे....
    मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!

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  37. height of dedication , devotion and love..

    excellent.

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  38. मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ....
    जो तुम्हारा दर्द तुम्हारी उदासी को खुद मे समेट ले.....
    मैं साथ हूँ तुम्हारे मैं कह सकू या न कह सकू...
    मेरे शब्द तुमसे मेरी हर बात कह दे....
    मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!
    ...... निहायत उम्दा सोच ... चश्मेबद्दूर !!!

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  39. मैं साथ हूँ तुम्हारे मैं कह सकू या न कह सकू...
    मेरे शब्द तुमसे मेरी हर बात कह दे....
    मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!

    बहुत खूब.

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  40. उद्दात प्रेम .बहुत सुन्दर लिखा है.बधाई.

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  41. मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ...
    जो तुम्हारे एह्सासो मे ढल जाए.....
    मेरी खामोशी को तुम समझ सको या न समझ सको...
    तुम्हारी खामोशी को मेरे शब्द मिल जाए......
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! हर एक शब्द लाजवाब है! इस उम्दा रचना के लिए बहुत बहुत बधाई!

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  42. शब्द तो हैं आपके पास तभी तो इतना अच्छा लिखा आपने

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  43. भावपूर्ण कविता !

    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है,कृपया अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।
    http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html

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  44. yahi pyaar ki unchai hai ..jisme aap aap rahte kuchh aur ho jate hain...

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  45. मेरी खामोशी को तुम समझ सको या न समझ सको...
    तुम्हारी खामोशी को मेरे शब्द मिल जाए.....

    बहुत बढ़िया ....!!!

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  46. मैं साथ हूँ तुम्हारे मैं कह सकू या न कह सकू...
    मेरे शब्द तुमसे मेरी हर बात कह दे....
    मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!

    ....बहुत सुंदर और भावपूर्ण ...

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  47. मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!
    bahut gazab ki soch......

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  48. Really very attarctive blog with most influencing words.My hearty congrats for yr success.
    Keep writing and expressing yr real self.excellent.
    regards,
    dr.bhoopendra
    rewa
    mp

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  49. शब्द-शब्द ने खामोशी से जिन शब्दों में बात कही.
    नि:शब्द हुए हैं शब्द सभी,उफ ! किन शब्दों में बात कही.

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  50. सुषमा जी नमस्कार, सुन्दर मेरी खामोशी तुम---------------मै हर वो श्ब्द ------------बहुत खूब्। मेरेब्लाग पर भी आपका स्वागत है।

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  51. मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ....
    जो तुम्हारा दर्द तुम्हारी उदासी को खुद मे समेट ले.....
    मैं साथ हूँ तुम्हारे मैं कह सकू या न कह सकू...
    मेरे शब्द तुमसे मेरी हर बात कह दे....
    मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ.... !!
    ......बहुत बढ़िया भावपूर्ण रचना .

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  52. सुषमा जी,..क्या खूब लिखा..आपने..
    मै हर वो शब्द ढूढती हूँ
    जो मेरे शब्दों से मिल जाए
    खूबसूरत अहसासों भरी सुंदर रचना...उम्दा पोस्ट
    मेरे नए पोस्ट -वजूद- में आपका स्वागत है..

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  53. आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है कल शनिवार (12-11-2011)को नयी-पुरानी हलचल पर .....कृपया अवश्य पधारें और समय निकल कर अपने अमूल्य विचारों से हमें अवगत कराएँ.धन्यवाद|

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  54. सुषमा जी, आपकी रचना ओर आपकी सोच बहुत ही प्रसंशा के काबिल, सच में पढ़ के बहुत ही ख़ुशी हुई "मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ......!",

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  55. बहुत सुन्दर शब्द चयन और अभिव्यक्ति |
    आशा

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  56. मैं हर वो शब्द ढूढती हूँ....
    जो तुम्हारे शब्दों के साथ ढल सके......
    मैं मिल सकू या न मिल सकू....पर
    मेरे शब्द तो तुम्हारे शब्दों से मिल सके..very touching.

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  57. bahut hi khubsurat rachana hai...
    behtarin abhivyakti..

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