Wednesday, 3 March 2021
अहम.....!!!
अहम.....जब रिश्तों में आता है,तो सब बिखर जाता है...हम किसी और देश की नही,हम अपने भारत की बात करते है....यहां रिश्तों को पूजा जाता है...उन्ही रिश्तों में पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही खूबसूरत,बहुत नाजुक,और बहुत ही गहरा होता है....एक ऐसा रिश्ता जिसमे कोई स्वार्थ नही होता...इस रिश्ते में प्यार,सम्मान,समझदारी सब अपने आप ही आ जाता है..जहां कोई मेरा तुम्हारा नही,हमारा हो जाता है.....हमने महसूस किया है कि ना जाने ये रिश्ता कब इतना गहरा और जरूरी हो जाता है,कि जहां हम बिना कुछ कहे सब समझने लगते है...इतना जरूरी की अपनी सांसे भी अब हमारी नही होती,सब इस रिश्ते का हो जाता है...सब इस रिश्ते के लिए हो जाता है..........मैं भी पढ़ी-लिखी selfdepned लड़की हूँ, पर मुझे कभी ये नही लगा कि मैं ही इस रिश्ते के लिए क्यों करूँ, क्यों मैं जिम्मेदारियां लूं...क्यों मैं ही खाना बनाऊं,क्यों मैं ही घर और बाहर सभी काम करूँ... पता नही...कभी मेरे मन क्यों नही आया....शायद ये रिश्ता मेरे लिए बहुत जरूरी है,या इस रिश्ते की सच्चाई,या हमारा साथ और प्यार....कई बार हमने खुद से पूछा क्यों रिश्ते में अहम या मैं आ जाता है...क्यों कई बार करवाचौथ का व्रत महिला सशक्तिकरण बन जाता है...क्यों खाना बनाना-खिलाना- ध्यान रखना अहम को ठेस पहुँचा जाता है....हमने बहुत सारे रिश्ते देखे है,जहां प्यार मिल रहा है,सम्मान मिल रहा है..वहाँ सिर्फ अपने अहम के चलते रिश्तों दरकिनार करके खुद को बेवजह तर्क देकर justifiy करके बच कर निकल रहे है...ना जाने किस आज़ादी के पीछे भाग रहे है....पर एक सच जो दिखता नही है..पर कड़वा सच है कि ये आज़ादी आखिर में सिर्फ तन्हाई और अकेलापन ही लाती है.....जरा सोच कर देखिएगा ....क्यों कि हम भारत मे रहते है...#आहुति#
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