शादी एक ख्वाब....
जिंदगी की नई शुरुआत..
और तब और भी खूबसूरत,
जब खुद की मर्जी भी शामिल होती है....
इक मुस्कराहट, इक चमक,धड़कता दिल,
घबराती सांसे....ऐसा ही कुछ होता है....
जिम्मेदारियां, नए रिश्तो को संजोने की ललक....
मैं तो इन सब के लिए तैयार हो गयी हूँ,
या यूं कहुँ तुम्हारे साथ के साथ सब कर लुंगी,
निभा लुंगी...ये यकीन है ये शादी.....
पर शायद तुम बिखरे हुए हो,
जिंदगी को हम समेटने जा रहे है,
जो भी बिखरा हुआ है,
उसे व्यवस्थित करने जा रहे है...
पर तुम ना जाने किन उलझनों में उलझे से हो,
मेरा साथ तो थाम लिया है..
पर शायद इस रिश्ते पर यकीन नही कर पा रहे हो,
या डरे हो उस आने वाले पल से....
मेरा हाथ तो पकड़ लिया है,
पर हाथ पकड़ चलने में डर रहे हो,
डर रहे हो कि कैसे जिंदगी खूबसूरत होगी,
या नही होगी...तुम वो सब सोच रहे हो,
जो हुआ ही नही,और शायद होगा भी नही...
बस उलझे जा रहे हो,
यूँ खुद की बनाई उलझनों में...
अभी भी वक़्त है,
जिंदगी के खूबसूरत पलो को जी भर जी लो...
ये उलझने तो यूँ ही बनी ही रहेंगी....
नही रहेगा तो बस ये गुजरता हुआ वक़्त...!!!
Tuesday 19 November 2019
ये गुजरता हुआ वक़्त...!!!
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