इक कहानी सिर्फ तुम्हारी मेरी हो...
जिसमे तुम हँसते हो तो,मैं हँसती हूँ,
तुम उदास जो हो..तो मैं भी उदास होती हूँ...
इक लम्हा सिर्फ तुम्हारा मेरा हो,
जिसमे तुम गुनगुनाते हो,
तो मैं तुम्हारा संगीत बन जाऊं,
इक नजारा सिर्फ तुम्हारा मेरा हो,
तुम्हे देखती वो नज़र मैं बन जाऊं...
इक रस्म सिर्फ मेरी और तुम्हारी हो,
राह चाहे कोई भी हो,सफर कैसा भी हो,
तुम आगे जो चलो,तुम्हारा हाथ थाम कर,
तुम्हारे साथ मैं भी चलूँ..
इक वादा सिर्फ मेरा और तुम्हारा हो,
वक़्त चाहे जैसा हो,हालात चाहे जैसे हो,
ना मैं तुम्हारा साथ छोडूं,ना तुम्हे खुद से दूर जाने दो... इक एहसास सिर्फ मेरा और तुम्हारा हो,
किसी भी दुख में हम इक दूसरे को,
सांत्वना दे सके या नही,
पर साथ बैठ कर जी भर रो कर..
इक-दूजे को सम्हालते रहे...
इक कसम सिर्फ मेरे और तुम्हारी हो,
छोड़ कर एक-दूसरे का साथ,
हम कभी जाए..
सांसे जितनी भी इक-दूजे के जीवन से बंधी रहे..
पर हाँ एक बात सिर्फ मेरी हो,
तुम्हारे सारे दुख,तुम्हारी सारी असफलताएं,
तुम्हारी हर कमजोरी मेरी हो...
मेरी सारी खुशियाँ,
मेरी सारी उपलब्धियां तुम्हारी हो....!!!
Monday, 9 September 2019
मेरी सारी उपलब्धियां तुम्हारी हो....!!!
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