Monday, 2 December 2019

शादी की डायरी....कुछ यूं शरू सिलसिला हुआ.. !!!

कुछ कहुँ तुमसे....तुम कुछ बदले से लगते हो.
पता नही पर पहले से ज्यादा,
या यूं कहुँ कि सिर्फ मेरे अपने से लगते हो...
वक़्त तो पहले भी गुजारा है तुम्हारे साथ,
पर अब जो साथ होते हो,बहुत खास से लगते हो....
ना कब से पर अब...
तुम्हारा अधिकार सा मुझ पर लगता है...
कुछ बढ़ से गया है या..
गहरा हो गया प्यार सा लगता है...
अब रंग सारे तुम्हारे मुझे भाते है,
रिश्ते सभी तुम्हारे मुझे जिंदगी जीना सिखाते है..
बस सोच में तब से.. कि मैं निभा पाऊंगी..
यकीनन तुम जो साथ होते हो तो,
कुछ नामुमकिन नही लगता है....!!!

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