88.
बहुत ढूंढने पर भी खुशी अब नही मिलती...
मेलो की दुकानों में....ढूंढा बहुत है...
मैंने बच्चो के खिलौनो मे...बड़ो के सामानों में.
89.
कभी-कभी बाते कर लेने से...बाते सुलझ जाती है.…
90.
मेरे साथ बीते उन खुबसूरत लम्हों को...
जो तुमने इबादत का नाम दिया है...
मैंने तुम्हारे सजदे में सर झुका दिया है..
91.
कुछ नही है आज....
लिखने को मेरे पास....
तुम कुछ कहो....तो वही लिख दूँ मैं..
92.
कोई मुझे लिखते हुए देखना चाहता है...
कोई मुझे देखते हुए...
लिखना चाहता है....
किसकी शिद्दत पर...
मैं एतबार करू...
बहुत उलझन में हूँ....किसे प्यार करू..
93.
फिर कोई खुबसूरत सी बात हो जाये....
मैं तुम्हे याद करू...और बरसात हो जाये..
94.
मेरा नाम 'आहुति' जब-जब लिया जायेगा....
यक़ीनन तुम्हे भी याद किया जायेगा....
95.
चाहती हूँ मैं कि अपनी हर नज़म..
हर पंक्ति तुम्हारे नाम लिख दूँ...
चाहती तो मैं ये भी हूँ कि जब जिक्र प्यार का हो तो....
प्यार मिटा कर तुम्हारा नाम लिख दूँ...
96.
हमे हर रोज इन हवाओं में भी...
तुम्हारी खुसबू का एहसास मिला है....
और तुम कहते हो....
कि हमे मिले हुए अरसा गुजर गया है....
Bahut khubsurat abhivyakti manbhawan .... :)
ReplyDeletebadhiya kavita
ReplyDeleteबहुत खूब .... कई लम्हों को जोड़ कर लिखी पोस्ट ...
ReplyDeleteमज़ा आया ...
आपको दीपावली की हार्दिक बधाई ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी है और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - बुधवार- 22/10/2014 को
हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः 39 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी है और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - बुधवार- 22/10/2014 को
हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः 39 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें,
बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteप्रेम की खुशबू बिखेरती हर एक पंखुड़ी !
चाहती तो मैं ये भी हूँ कि जब जिक्र प्यार का हो तो....
ReplyDeleteप्यार मिटा कर तुम्हारा नाम लिख दूँ...
सब तो कह दिया इसके बाद कुछ कहने को है तो----- बधाई
http://savanxxx.blogspot.in