Friday, 18 July 2014

कुछ बाते अधूरी ही अच्छी लगती है.......!!!

                               

बारिश की खुबसूरत रात थी....                                                
मेरे हाथो में तुम्हारे हाथ थे .....
बारिश में भीगते मेरे महंदी वाले हाथ थे...
बारिश में गहराता मेरी महंदी का रंग था...
ये बादलों के गर्जना था....
कि तुम्हारे दिल की धड़कन थी....
तुम्हे भी कुछ कहना था....
कहनी मुझे भी तुमसे कोई बात थी....
गुजर गयी बरसात की वो रात..
कभी पूरी हुई ही नही हमारी वो बात....
कुछ बाते अधूरी ही अच्छी लगती है.......!!!        

                                             

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर।
    समसामयिक रचना में भावप्रणवता देखते ही बनती है।

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  2. सुंदर रचना

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  3. प्रेम भरी बातें अधूरी रह जाएँ तब ही तो मज़ा है ...

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  4. कुछ बातें अधूरी ही ..... सच

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  5. खूबसूरत अभिव्यक्ति .....सच है कुछ बाते अधूरी ही अच्छी लगती है.

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