Friday 1 August 2014

हाँ मैं जिन्दगी हूँ.......!!!

हाँ मैं जिन्दगी हूँ...                                      
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....
घुल गयी जो..
तुम्हारी सांसो में तो....यक़ीनन..
तुम्हारी सांसो को महका दूंगी.....
हाँ मैं जिन्दगी हूँ.....
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....!


थाम लुंगी तुम्हारे हाथो इक बार.....
तुम्हे दुनिया को जीतना सीखा दूंगी......
इक बार चली जो..
तुम्हारे साथ.......यक़ीनन..
तुम्हारी राहो को आसान बना दूंगी.....
हाँ मैं जिन्दगी हूँ....
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....!

तुम्हे डर है....आसमान की उच्चाईयों से,
तुम्हे डर है....समंदर की गहराइयों से,
इक बार मुझे.....
तुम खुद में..
शामिल तो करो....यक़ीनन...
डर सारे दिल के मिटा दूंगी....... 
हां मैं जिन्दगी हूँ......
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....!

कभी जो तनहाइयाँ तुम्हे घेरेंगी......
मैं गले से तुम्हे लगा लुंगी.....
होटों पर मुझको..
सजा लेना.....यक़ीनन..
उदासियो में चुपके से मुस्करा दूंगी.....
हाँ मैं जिन्दगी हूँ....
तुम्हे जीना सीखा दूंगी....!

कभी जो उलझनों में उलझे तो..
मुश्किलो से लड़ना सीखा दूंगी....
दोस्त बना लो..
तुम जो मुझे....यक़ीनन..
मैं दुश्मनो को भी दोस्त बना दूंगी....
हाँ मैं जिन्दगी हूँ.....
तुम्हे जीना सीखा दूंगी....!

23 comments:

  1. जीने की लालसा और दिलासा देती शानदार
    सदा बहार

    ReplyDelete
  2. बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति |जिंदगी सब कुछ सीखा देती है ......
    नई पोस्ट माँ है धरती !

    ReplyDelete
  3. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज शनिवासरीय चर्चा मंच पर ।।

    ReplyDelete
  4. रोशनमय की छोड़िये
    अंधेरों में भी साथ ना छोड़े
    जिंदगी ही वो साया है
    ठीक 'आप' की तरह
    'उस' के लिए.

    :)

    ReplyDelete
  5. आशा भरी कविता..

    ReplyDelete
  6. जिंदगी को जिंदगी का साथ मुबारक हो .....

    ReplyDelete
  7. हम मौत को जीने के अंदाज़ सीखा देंगे...

    ReplyDelete
  8. बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  9. वाह, बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  10. सुन्दर रचना...

    ReplyDelete
  11. सोचा की बेहतरीन पंक्तियाँ चुन के तारीफ करून ... मगर पूरी नज़्म ही शानदार है ...आपने लफ्ज़ दिए है अपने एहसास को ... दिल छु लेने वाली रचना ...

    ReplyDelete
  12. बहुत सुब्दर प्रेरक कविता1 बधाई

    ReplyDelete
  13. प्रेम की ताकत को महसूस करवाती है ये रचना ... होंसला दिलाती है दिल को ..

    ReplyDelete
  14. बहुत सुन्दर, सार्थक और प्रेरक रचना...

    ReplyDelete
  15. वाह सुन्दर प्रस्तुति !

    ReplyDelete
  16. बढ़िया प्रस्तुति

    ReplyDelete
  17. जि़ंदगी स्वयं जीना सिखाती है।
    प्रेरक कविता।

    ReplyDelete
  18. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 28 अप्रैल 2016 को में शामिल किया गया है।
    http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !

    ReplyDelete