साल-दर-साल गुजरते रहे...
हम गिरते रहे सम्हलते रहे,
यादो के धागे टूटते रहे बंधते रहे....
उम्मीदो के सूरज छिपते रहे,
निकलते रहे......
कभी मंजिले दूर होती रही,
कभी सिमटती रही....
वक़्त के हालातो से मैं टूटती,
और बिखरती रही.....
गुजर गया ये साल भी,
गुजरता हर लम्हा मुझे और भी,
कठोर बनाता रहा....
इन्ही विपरीत हालातो से,
मैं और भी निखरती रही....
साल तो यूँ ही बदलते रहंगे,
हमारे ठहरने से कुछ भी ठहरेगा नही...
पर हां हमारे बदलने से,
हालत बदल सकते है......
कब तक हूँ ही शिकवे शिकायते,
हम खुद से औरो से करते रहंगे....
इस बदलते वक़्त के साथ,
हमको भी कुछ बदलना होगा.....
वक़्त के सांचे में खुद को ढालना होगा
राहे कितनी भी मुश्किल हो,
मुश्किलो को हल करना होगा......
मैं खुद हर बार इन्ही उमीदो के सहारे,
लड़ने के लिए खड़ी करती रही....
इन्ही विपरीत हालातो से,
मैं और भी निखरती रही........!!!
हम गिरते रहे सम्हलते रहे,
यादो के धागे टूटते रहे बंधते रहे....
उम्मीदो के सूरज छिपते रहे,
निकलते रहे......
कभी मंजिले दूर होती रही,
कभी सिमटती रही....
वक़्त के हालातो से मैं टूटती,
और बिखरती रही.....
गुजर गया ये साल भी,
गुजरता हर लम्हा मुझे और भी,
कठोर बनाता रहा....
इन्ही विपरीत हालातो से,
मैं और भी निखरती रही....
साल तो यूँ ही बदलते रहंगे,
हमारे ठहरने से कुछ भी ठहरेगा नही...
पर हां हमारे बदलने से,
हालत बदल सकते है......
कब तक हूँ ही शिकवे शिकायते,
हम खुद से औरो से करते रहंगे....
इस बदलते वक़्त के साथ,
हमको भी कुछ बदलना होगा.....
वक़्त के सांचे में खुद को ढालना होगा
राहे कितनी भी मुश्किल हो,
मुश्किलो को हल करना होगा......
मैं खुद हर बार इन्ही उमीदो के सहारे,
लड़ने के लिए खड़ी करती रही....
इन्ही विपरीत हालातो से,
मैं और भी निखरती रही........!!!
खुबसूरत प्रेणनामत्क रचना है .. विपरीत हालातों में भी निखरने की चाह है खूब है यूँही लिखते रहिये और लिखते रहिये .. नववर्ष की मंगल कामनायें !!
ReplyDeleteविपरीत हालातों से जूझते हुए निखरना...
ReplyDeleteयही हासिल है!
भावों को ख़ूबसूरती से प्रस्तुति करती सुंदर रचना...!
ReplyDeleteRecent post -: सूनापन कितना खलता है.
बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteनया साल खुशियों की मीठी सौगात लाये यही शुभकामना है...
अनु
विपरीत परिस्थितयां चार्टर निर्माण करतीं हैं...
ReplyDeleteइन्ही विपरीत हालातो से,
ReplyDeleteमैं और भी निखरती रही......सही कहा....विपरीत हालात निखरने का रास्ता दिखाती है
......!..सुन्द्रर भाव..
बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति
ReplyDeleteहम बदलेंगे जग बदलेगा....सुंदर संदेश !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ... हालात बदलने जरूरी हैं ...
ReplyDeleteनव वर्ष की मंगल कामनाएं ...
वाह! क्या बात!
ReplyDeleteतीन संज़ीदा एहसास
जिसमें कि ख़ुदा रहता है
वाह बहुत ही खूबसूरत
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना.
ReplyDeleteमन के भावों को बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है कविता में !
ReplyDeleteनई पोस्ट मिशन मून
नई पोस्ट ईशु का जन्म !
बहुत बढ़िया प्रस्तुति...आप को और सभी ब्लॉगर-मित्रों को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-तुमसे कोई गिला नहीं है
behatarin aur sundar
ReplyDeletebehatareen prastuti
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