कभी तो मेरे शब्दों ने....
उसकी धडकनों को छुआ तो होता.....
कभी तो मेरी ख़ामोशी को.....
कभी तो मेरे दिल का दर्द....
उसके दिल में उतर गया होता......
कभी तो मेरी यादो का झोका....
उसको छू कर गुजर गया होता.....
कभी तो यूँ चलते-चलते मेरे कदमो के निशां ने.....
उसके कदमो को रोका तो होता.......
कभी तो मेरी पलकों पर......
उसने अपने ख्वाबो को रखा तो होता......
मैं सच करती उसका हर ख्वाब.......
उसने मुझे पर थोडा भरोसा तो किया होता......
मैं साथ ही तो थी कभी तो......
उसने मुड़ कर देखा तो होता.........!!!