Wednesday 14 December 2011

आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं...... !!!


तन्हा बैठी आज कुछ लिखने जा रही हूँ...                          
खुली आखों से कुछ सपने बुनने जा रही हूँ.....
सालो पहले कुछ सवाल किये थे खुद से,
उन सवालो के जवाब लिख रही हूँ मैं....
आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं...... 

जीवन की आपाधापी से दूर दिन वो बचपन के,
जब आखों में सिर्फ ख्वाब हुआ करते थे 
एक जादू की नगरी थी,परियो की बाते थी,
सच्ची न होकर भी वो बाते सच्ची लगती थी....
दिल में छिपे हैं कही अभी भी,
वो एहसास लिख रही हूँ मैं.....
आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं......


भला लगता था पूरी दुनिया को भूल,
खुद में खोये रहना..
उस छोटे से घर को ही सारा संसार समझना...
उन पलो,उन लम्हों में जिन्दगी है गुजरी,
कुछ खास लिख रही हूँ मैं.....
आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं.............


61 comments:

  1. जीवन की आपाधापी से दूर दिन वो बचपन के,
    जब आखों में सिर्फ ख्वाब हुआ करते थे वो एहसास लिख रही हूँ मैं...verynice..

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  2. सुन्दर प्रस्तुति पर हमारी बधाई ||

    terahsatrah.blogspot.com

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  3. सबको अपना बचपन याद आ जायेगा आपकी रचना पढकर............बहुत सुंदर

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  4. वो एहसास लिख रही हूँ ... आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं..

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  5. एक ख्वाब पढ़ रही हूँ मैं ...

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  6. सच है मै भी एक ख्वाब पढ़ रही हूँ..वो भी बहुत प्यारा और मासूम सा....

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  7. सुंदर रचना।
    बेहतरीन जज्‍बात।

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  8. bahut dard hai is dil me - sabass

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  9. Kabil-e-taareef hai ye sunder khwaab....

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  10. बहुत सुन्दर....
    दाद कबूल करें.

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  11. क्या खूबसूरत ख्वाब लिखा है!

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  12. बेहतरीन रचना ..

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  13. फुर्सत के दो क्षण मिले, लो मन को बहलाय |

    घूमें चर्चा मंच पर, रविकर रहा बुलाय ||

    शुक्रवारीय चर्चा-मंच

    charchamanch.blogspot.com

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  14. अरे मेरी टिपण्णी कहाँ गई ... स्पैम टिपण्णी में देखिये अब्ली ब्लॉग सेट्टिंग में ...

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  15. वाह ... लाजवाब लिखा है आपने ..

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  16. बहुत सुन्दर रचना ... ख़्वाबों में खो जाने का मन होता है

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  17. बहुत खुबसूरत और कोमल भावों से भरी पोस्ट|

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  18. बचपन के दिन भी क्या दिन थे..ख्वाबों की बहुत सुंदर प्रस्तुति...

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  19. उन सवालो के जवाब लिख रही हूँ मैं....
    आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं......
    वाह! बहुत खूबसूरत रचना....
    सादर बधाई...

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  20. ्सुन्दर भावाव्यक्ति।

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  21. आप यूँ ही ख्वाब लिखती रहिये...उन्हें जीती रहिये..बधाई

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  22. बहुत ही सुंदर रचना है ... आपकी भावनाओ का प्रस्तुतिकरण उम्दा होता है !!

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  23. सुंदर रचना।
    बेहतरीन प्रस्तुति!

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  24. अभिव्यक्ति का माध्यम
    काव्य है
    और काव्य अनुपम, अनूठा और
    प्रभावशाली है ....

    वाह !!

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  25. bahut sundar prastuti.komal ehsaas jagati hui panktiyan.

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  26. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति है आपकी.

    आभार.

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  27. भला लगता था पूरी दुनिया को भूल,
    खुद में खोये रहना...

    बहुत खुबसूरत और भावपूर्ण रचना |

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  28. जवाब लिख रही हो, एक ख्वाब लिख रही हो
    खूबसूरत भाव , लाजवाब लिख रही हो.

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  29. भला लगता था पूरी दुनिया को भूल,
    खुद में खोये रहना..
    उस छोटे से घर को ही सारा संसार समझना...
    उन पलो,उन लम्हों में जिन्दगी है गुजरी,
    कुछ खास लिख रही हूँ मैं.....
    आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं.............

    vah Sushma ji bahut sundar ... abhar

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  30. apne to bachpan chitrit karke use jeene pe majboor kar diya,
    bahut khoob

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  31. बहुत प्यारे से एहसास .......

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  32. वाह ...बहुत खूब ।

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  33. बचपन जो कभी दुबारा नहीं आता ..वाह ! बहुत खुबसूरत !

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  34. सटीक सार्थक रचना |बधाई
    आशा

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  35. bachapan ki yad dilati bahut hi sundar rachana hai..

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  36. खाब तो बस खाब है जी...

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  37. आपके पोस्ट पर आना सार्थक होता है । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  38. आप काफी अच्छा लिखती है ,पहली बात आप के ब्लॉग पर आना हुआ,रचना और ब्लॉग दोनों हो बेहतरीन है......
    कुछ खास लिख रही हूँ मैं.....
    आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं.............हमे तो ख्वाब देखने ही आते है और आप लिख भी सकती है ,अच्छा लगा सुन कर,ख्वाब लिखने पर बधाई स्वीकारें .....

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  39. 50 वीं टिप्पणी, बधाई हो!

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  40. बहुत खूब लिखा है आपने! उम्दा रचना! बधाई!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  41. सुंदर रचना लिखने बधाई,....सटीक सार्थक पोस्ट,....

    मेरे नये पोस्ट लिए काव्यान्जलि..: महत्व .. में click करे

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  42. khubsurat rachna..bahut hi gehre soch se likhe gye!u'r a good writer,I'll keep revisiting.

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  43. क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  44. भला लगता था पूरी दुनिया को भूल,
    खुद में खोये रहना..
    उस छोटे से घर को ही सारा संसार समझना...
    उन पलो,उन लम्हों में जिन्दगी है गुजरी,
    कुछ खास लिख रही हूँ मैं.....
    आज ख्वाब लिख रही हूँ मैं.............

    सुन्दर रचना

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  45. बेहतरीन रचना ...सच्ची न होकर भी वो बाते सच्ची लगती थी....
    दिल में छिपे हैं कही अभी भी,
    वो एहसास लिख रही हूँ मैं..... !!

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  46. aapke khawab padh aaj apne khawab yaad aa gye...sundar rachna

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  47. भला लगता था पूरी दुनिया को भूल,
    खुद में खोये रहना..bahut achchha

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