कुछ मैंने लिख दिए हैं,
कुछ अधलिखे हैं,
वो सारे गीत तुम्हारे है...
कुछ ख्वाब मैंने देख लिए हैं,
कुछ अनदेखे हैं,
वो सारे सपने तुम्हारे हैं...
कुछ मैंने कह दी हैं,
कुछ अनकही सी हैं,
वो सारी बाते तुम्हारी हैं....
कुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
कुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
कुछ दिन बीत गए हैं तुम्हारी यादो के संग,
कुछ इंतजार के है,
वो सारे पल तुम्हारे हैं....
मेरी हर ख़ुशी तुमसे ही हैं,
मेरा आज,मेरा कल तुम्हारा हैं....!
samarpan ka sunder bhaav ...
ReplyDeletebahut sunder rachna ..badhai..
कुछ दिन बीत गए हैं तुम्हारी यादो के संग,
ReplyDeleteकुछ इंतजार के है,
वो सारे पल तुम्हारे हैं....
अपने मन की समर्पण की भावना को बहुत ही अच्छे शब्द दिये हैं आपने।
सादर
very nice,......keep it up.
ReplyDeleteBhavpurna Sunder Abhivyakti
ReplyDelete"मेरी हर ख़ुशी तुमसे ही हैं,
ReplyDeleteमेरा आज,मेरा कल तुम्हारा हैं....!"
"कुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
कुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं..."
बहुत सुंदर दिल के जज्बात पिरोए हें आपने अपनी कविता में हर शब्द जैसे दिल से निकल रहा हो !सुंदर भाव ...
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
कुछ ख्वाब मैंने देख लिए हैं,
ReplyDeleteकुछ अनदेखे हैं,
वो सारे सपने तुम्हारे हैं...
बहुत प्यारे अहसासों को शब्द दिए है आपने
बहुत बहुत बधाई
बहुत अच्छी रचना है,वाह.
ReplyDeletekya baat khubsurat ahsaas......
ReplyDeleteवाह प्रेम और समर्पण की सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeletekomal se ehsaas pyaar bhare hain
ReplyDeleteकुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
ReplyDeleteकुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
sunder abhivyakti..
कुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
ReplyDeleteकुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
खूबसूरत एहसास लिए सुन्दर रचना
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteसारा समर्पण तुम्हारे लिये.
ReplyDeleteसुन्दर अहसासों से परिपूरित कोमल रचना...
ReplyDeleteसादर...
समर्पित भावों से ओत-प्रोत रचना भाव-पूर्न बन पडी है.
ReplyDeleteबधाई.
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
ReplyDeleteभावपूर्ण कविता.
premras se sarobar rachna...........
ReplyDeleteबहुत खूब ! समर्पित प्रेम की बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति...
ReplyDeleteVery very very nicely said.. :)
ReplyDeleteआप बहुत अच्छा लिखती हो दोस्त पढकर मज़ा आ जाता है | दुआ करुँगी ये कलम ऐसे ही चलती रहे |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना |
OMG..OMG..OMG...
ReplyDeletethats the reaction I had after reading each line of this poem....Awesome work Sushma...you rock!!!
कुछ मैंने कह दी हैं,
ReplyDeleteकुछ अनकही सी हैं,
वो सारी बाते तुम्हारी हैं....
आपकी यह कविता...सीधे दिल तक हर एहसास पहुंचा दे रही है...बधाई स्वीकार करें .
bahut sundar aahuti ji..sab kuchh samrpit kar dena ..yahi pyaar hai...
ReplyDeleteवो सारे शब्द तुम्हारे हैं..
ReplyDeleteसमर्पित भावों से ओत-प्रोत रचना
अच्छी कविता.......
ReplyDeleteसुषमा जी अभिवादन ..सार्थक रचना सुन्दर मूल भाव ..ये सुन्दर प्यार का अहसास बना रहे ...
ReplyDeleteधन्यवाद
भ्रमर ५
"मेरी हर ख़ुशी तुमसे ही हैं,
मेरा आज,मेरा कल तुम्हारा हैं....!"
मेरी हर ख़ुशी तुमसे ही हैं,
ReplyDeleteमेरा आज,मेरा कल तुम्हारा हैं....!
बहुत सुन्दर एहसास
शुष्मा जी
मेरी हर ख़ुशी तुमसे ही हैं,
ReplyDeleteमेरा आज,मेरा कल तुम्हारा हैं....!
बहत सुन्दर एहसास हैं
सुन्दर रचना के लिए बधाई
सुन्दर भावों से ओत-प्रोत बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteमेरी हर ख़ुशी तुमसे ही हैं,
ReplyDeleteमेरा आज,मेरा कल तुम्हारा हैं....!
बहुत सुन्दर एहसास .समर्पित भावों से ओत-प्रोत रचना.
कुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
ReplyDeleteकुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
बहुत सुन्दर रचना ,समर्पित भावों से ओत-प्रोत. बधाई
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteBahut sundar ,,,
ReplyDeleteसमर्पित प्रेम की बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति|
ReplyDeleteप्रेम का नाम ही तो समर्पण है ...
ReplyDeleteबहुत अच्छे भाव ...
खुबसूरत अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteकुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
ReplyDeleteकुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
वाह !!! अतिसुंदर.
खूबसूरत एहसास लिए सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत प्यारे अहसास......
ReplyDeleteतेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ....
ReplyDeleteछ: शब्द ... सत्रह लाईनें. सामयिक भाव की इस सहज अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आहुति जी.
may i grant the permission to share it on facebook?
ReplyDeleteअपना सब कुछ किसी को अर्पित कर देना भी एक सुखानुभूति है ... सुन्दर रचना है ...
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत....
ReplyDeleteअपने ब्लाग् को जोड़े यहां से 1 ब्लॉग सबका
कुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
ReplyDeleteकुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
Khoob... BAhut Umda Shabd Sanyojan...
khubsurat rachna... shabdon ka achha istemaal kiya hai...
ReplyDeleteप्रेम और समर्पण की सुन्दर अभिव्यक्ति...सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteकुछ एहसासों को शब्द दिए है मैंने,
ReplyDeleteकुछ एहसास निशब्द रह गए हैं,
वो सारे शब्द तुम्हारे हैं...
बहुत सुन्दर रचना एहसास....... सुन्दर
खूबसूरत अहसासों से लबरेज़!
ReplyDeleteआशीष
--
मैंगो शेक!!!
मेरी हर ख़ुशी तुमसे ही हैं,
ReplyDeleteमेरा आज,मेरा कल तुम्हारा हैं....!
beautiful...
दिल को छू लिया कविता के शब्दों ने ...मन में कुछ कसक सी है
ReplyDeleteAj pehli bar apki kavyarachnao se parichit hua, netra sthir se ho gaye inhe padhkar,
ReplyDeletereally awesome
समर्पण पर इससे बेहतर अभिव्यक्ति और भला क्या हो सकती है.
ReplyDeleteमेरा आज मेरा कल तुम्हारा है।
ReplyDeleteबहुत अच्छा।
Badi pyari rachana
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना!!!
ReplyDeleteकुछ दिन बीत गए हैं तुम्हारी यादो के संग,
ReplyDeleteकुछ इंतजार के है,
वो सारे पल तुम्हारे हैं..बहुत सुन्दर अभीव्यक्ती सुषमा जी .....मेरे दीदी का नाम भी सुह्म है जो कानपूर में ही रहती है ..और मेरा जन्मस्थल भी कानपूर ही है
कुछ मैंने कह दी हैं,
ReplyDeleteकुछ अनकही सी हैं,
वो सारी बाते तुम्हारी हैं....
सुन्दर रचना...!
बस इतना ही कहूँगा कि.......आलोचना के शब्द नहीं हैं मेरे पास.........
ReplyDeleteसमर्पण के भाव को जीवंत करती रचना!
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