Sunday 9 June 2019

फिर इक बार तुम्हे लिखती हूँ मैं..!!!

तुम्हे आज लिखती हूँ मैं,
फिर इक बार तुम्हे लिखती हूँ मैं...
उजली सुबह लिखती हूँ मैं,
ढलती शामे लिखती हूँ मैं..
गहरी खमोश राते लिखती हूँ मैं..
फिर इक बार तुम्हे लिखती हूँ मैं..
मन की पगडंडियाँ,
सँकरी गालियां लिखती हूँ मैं,
मेरी तुम्हारी प्रेम की गवाह,
सहेलियां लिखती हूँ मैं...
फिर इक बार तुम्हे लिखती हूँ मैं..
सिरहाना धरती का लिखती हूँ मैं,
बाहें आसमान की लिखती हूँ मैं..
गले लगा कर भिगोती बारिशें लिखती हूँ मैं..
फिर इक बार तुम्हे लिखती हूँ मैं..
खूबसूरती चाँद सी लिखती हूँ मैं,
बेरुखी सूरज सी लिखती हूँ मैं...
सुकून तुम्हारे साथ जिंदगी लिखती हूँ मैं..
फिर इक बार तुम्हे लिखती हूँ मैं..!!!

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