मैं तुम्हारा हाथ थाम कर घूमना चाहती हूं,
पूरी दुनिया...देखना चाहती हूं,
वो अजंता एलोरा की चित्रकारी..
तुम्हारी उंगलियों के अपनी उंगलियों से छू कर,
उन्हें जीवंत कर देना चाहती हूँ...
तुम संग मैं इतिहास महसूस करना चाहती हूं....
देखना चाहती हूं,प्यार की निशानी ताजमहल को,
जिसे शब्दो की कोई जरूरत ही नही..
उसकी खूबसूरती ही बहुत है,
ये बताने के लिए...
प्यार से जिंदगी ताजमहल सी हो जाती है..
देखना चाहती हूं उन तमाम शिवालयों को,
जिनकी घंटियों में गुजंती है,
ना जाने कितनी कहानियां,
पूरी होती हर ख्वाइश देखना चाहती हूं,
जिनके दरों पर कितने मन्नतो के धागे ,
आज भी बंधे है,
तुम संग मैं भी इक मन्नत बांध देना चाहती हूं,
जन्मो-जन्मो के लिए,
तुम्हारा साथ बांध लेना चाहती हूं..
चाहती हूं,..जब भी इतिहास दोहराया जाए,
हर राह..मेरे तुम्हारे कदमो के निशान पाये...
तुम संग इतिहास महसूस करना चाहती हूं..!!!
Tuesday 29 May 2018
तुम संग इतिहास महसूस करना चाहती हूं..!!!
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बहुत खूब
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