इस रिश्ते को क्या नाम दूँ..?
सिर्फ महसूस होता है....
कि हमारा कोई रिश्ता है.....
नज़र नही आता किसी को,
दिखाई देता भी नही है...
सिर्फ हवा के झोकों के साथ,
साँसों को महसूस होता है...
कि हमारा कोई रिश्ता है..
पन्नो पे लिखा जा सकता नही,
शब्दों में बांधा जा सकता नही..
निशब्द सा कोई रिश्ता है हमारा......
ख्वाबों में भी सजाया जा सकता नही,
ख्यालों में भी लाया जा सकता नही...
धडकनों के साथ महसूस होता है...
कि हमारा कोई रिश्ता है....
सवाल कोई करता नही,
ज़वाब भी कोई चाहता नही....
निरूत्तर सा है कोई रिश्ता है हमारा....
आगाज़ कोई करता नही,
अंजाम भी कोई चाहता नही,
अनंत सा है कोई रिश्ता है हमारा.....
ना कुछ कहना चाहता है किसी से,
ना ही कुछ सुनना चाहता है किसी से....
ख़ामोशी को बयां करता कोई रिश्ता है हमारा...........
ना किसी सफ़र की चाह है इसको,
ना किसी मंजिल की तलाश है इसको...
मेरी परछाई के साथ-साथ चलता....
कोई रिश्ता है हमारा.........
बहुत बढिया रचना
ReplyDeleteक्या बात
ख्वाबों में भी सजाया जा सकता नही,
ख्यालों में भी लाया जा सकता नही...
धडकनों के साथ महसूस होता है...
कि हमारा कोई रिश्ता है....
सुंदर भाव-संगीत बिखेरती रचना।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना.....
ReplyDeleteआगाज़ कोई करता नही,
अंजाम भी कोई चाहता नही,
अनंत सा है कोई रिश्ता है हमारा.....
वाह...बहुत बढ़िया..
अनु
सुन्दर भावप्रणव प्रस्तुति!
ReplyDeleteमेरी परछाई के साथ-साथ चलता....
ReplyDeletebadhiya...
सुन्दर प्रस्तुती आदरेया ||
ReplyDeleteजो भी है,जैसा भी है - कुछ ख़ास है ये रिश्ता
ReplyDeleteवो रिश्ता दिल से जुड़ा है .......
ReplyDeleteमेरी परछाई के साथ-साथ चलता...
ReplyDeletekuchh risto ko naam na hi dena sahi hota hai
baharhal, ek khubsura rachana
क्या कहना है...क्या सुनना है...
ReplyDeleteबढिया रचना.
ReplyDeleteawesome....
ReplyDeleteRishte mehsoos kiye jaayein to naam ki jarurat hi nahi...
ReplyDeleteBeautiful expression:-)
वाह बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteआगाज़ कोई करता नही,
ReplyDeleteअंजाम भी कोई चाहता नही,
अनंत सा है कोई रिश्ता है हमारा.....
ना कुछ कहना चाहता है किसी से,
ना ही कुछ सुनना चाहता है किसी से....
ख़ामोशी को बयां करता कोई रिश्ता है हमारा...........
ना किसी सफ़र की चाह है इसको,
ना किसी मंजिल की तलाश है इसको...
मेरी परछाई के साथ-साथ चलता....
कोई रिश्ता है हमारा.........
ye rishta kya kehlaata hai :)
आगाज़ कोई करता नही,
ReplyDeleteअंजाम भी कोई चाहता नही,
अनंत सा है कोई रिश्ता है हमारा.....
ना कुछ कहना चाहता है किसी से,
ना ही कुछ सुनना चाहता है किसी से....
ख़ामोशी को बयां करता कोई रिश्ता है हमारा...........
ना किसी सफ़र की चाह है इसको,
ना किसी मंजिल की तलाश है इसको...
मेरी परछाई के साथ-साथ चलता....
कोई रिश्ता है हमारा.........
ye rishta kya kehlaata hai :)
ख्वाबों में भी सजाया जा सकता नही,
ReplyDeleteख्यालों में भी लाया जा सकता नही...
धडकनों के साथ महसूस होता है...
कि हमारा कोई रिश्ता है....
.....
कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे,
जिनमें नहीं होता
कोई रक्त सम्बंध
फिर भी दिल की
धड़कन से होते हैं
...
ना किसी सफ़र की चाह है इसको,
ReplyDeleteना किसी मंजिल की तलाश है इसको...
मेरी परछाई के साथ-साथ चलता....
कोई रिश्ता है हमारा.........
whole poem is beautiful bt these lines touched me more ,once again beautiful :)
सवाल कोई करता नही,
ReplyDeleteज़वाब भी कोई चाहता नही....
निरूत्तर सा है कोई रिश्ता है हमारा....
रिश्तों की सबसे खुबसूरत महसुसियत. सभी लाइन में जीवंत रिश्ते
better than best...
ReplyDeleteमन का रिश्ता ऐसा ही होता, कोई माँग नहीं... बहुत सुन्दर, बधाई.
ReplyDeleteरिश्ता तो अहसास है...जिसे महसूस किया जाता है..
ReplyDeleteनाम देना जरुरी नहीं...
बहुत ही सुन्दर भाव लिए रचना...
:-)
हर रिश्ता अपने आप में खूबसूरत है
ReplyDeleteना कुछ कहना चाहता है किसी से,
ReplyDeleteना ही कुछ सुनना चाहता है किसी से....
ख़ामोशी को बयां करता कोई रिश्ता है हमारा...........
बहुत खूबसूरत रचना |प्रेममय प्रस्तुति |
इसी विषय पर मेरी रचना मैं चाहता हूँ आप जरूर देखें |
अनाम रिश्ते
रिश्ता वो जो मन में पले, मन से अनुभव हो । इसका कोई नाम ना हो । कोमल प्रस्तुति ।
ReplyDeleteसुन्दर रचना.
ReplyDeleteकुछ रिश्ते ऐसे ही होते हैं...बहुत सुन्दर और भावमयी रचना...
ReplyDeleteना किसी सफ़र की चाह है इसको,
ReplyDeleteना किसी मंजिल की तलाश है इसको...
मेरी परछाई के साथ-साथ चलता....
कोई रिश्ता है हमारा.........
...सुन्दर प्रस्तुती
बधाई स्वीकारें। आभार !!!
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html
बहुत सुन्दर हर रिश्ते की परिभाषा नहीं होती ।
ReplyDeletepyara sa rishta hai... bahut khub:)
ReplyDeleteआपकी चर्चा ब्लाग४वार्ता पर है.......
ReplyDeletehttp://blog4varta.blogspot.in/2012/10/4_23.html
हां यही समर्पण भाव ,निस्पृह हो सिर्फ देना प्रेम का शिखर है .यह रिश्ता अनाम है ,सुबह ,शाम है ,प्रभु का नाम है .बहुत बढिया रचना है (नहीं लिखें नही के
ReplyDeleteस्थान पर ).
हां यही समर्पण भाव ,निस्पृह हो सिर्फ देना प्रेम का शिखर है .यह रिश्ता अनाम है ,सुबह ,शाम है ,प्रभु का नाम है .बहुत बढिया रचना है (नहीं लिखें नही के
ReplyDeleteस्थान पर ).
ram ram bhai
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बुधवार, 24 अक्तूबर 2012
हैलोवीन बोले तो (दूसरीऔर तीसरी क़िस्त )
http://veerubhai1947.blogspot.com/
सुषमा जी , रिश्तों को परिभाषित करने की इससे बेहतर कोशिश नहीं हो सकती.... गहरे जज्बातों से भरी बहुत ही बेहतरीन कविता .
ReplyDeleteसुषमा जी , रिश्तों को परिभाषित करने की इससे बेहतर कोशिश नहीं हो सकती.... गहरे जज्बातों से भरी बहुत ही बेहतरीन कविता .
ReplyDeleteकुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनकी परिभाषा नहीं होती।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति।
विजयादशमी की शुभकामनाएं।
बहुत ही अच्छा लिखा है। धन्यवाद।
ReplyDeleteaise rishte jinki vyakhya na ki ja sake..ve dil ke behad kareeb hote hai..
ReplyDeletesundar rachna
rishton ke manovigyan ko darshati adbhud rachana ......badhai ke sath abhar
ReplyDeleteआगाज़ कोई करता नही,
ReplyDeleteअंजाम भी कोई चाहता नही,
अनंत सा है कोई रिश्ता है हमारा.....
meri nayi post isi ehsas ko beyan karti hai or chalte ja rahi hai
post par aapka intzaar rahega
चार दिन ज़िन्दगी के .......
बस यूँ ही चलते जाना है !!
सचमुच कुछ रिश्तों को देखकर नहीं समझा जा सकता , सिर्फ महसूस किया जा सकता है। महसूसियत से भरी इस अच्छी रचना के लिए मेरी बधाई और शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteअक्सर ऐसे रिश्ते बन जाते हैं....जिन्हें शब्दों...संबोधनों में नहीं बांधा जा सकता ....सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeletenice lines
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति .बहुत बधाई आपको
ReplyDeleteना किसी सफ़र की चाह है इसको,
ReplyDeleteना किसी मंजिल की तलाश है इसको...
मेरी परछाई के साथ-साथ चलता....
कोई रिश्ता है हमारा
bahut sunder
very sweet....
ReplyDeletekuch rishte express nhi kiye ja sakte.
पन्नो पे लिखा जा सकता नही,
शब्दों में बांधा जा सकता नही..
निशब्द सा कोई रिश्ता है हमारा......
पन्नो पे लिखा जा सकता नही,
ReplyDeleteशब्दों में बांधा जा सकता नही..
निशब्द सा कोई रिश्ता है हमारा......achchhi rachna tay kiya hun ki aapki kavitaao ko padhun ....kabhi kabhi isi tarah .sabhi ko padh lunga
बेहद खूबसूरत है ये रिश्ता
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