Saturday, 1 March 2014

मेरे तो साजन हो तुम...!!!

होगा तुम्हारा कोई नाम....                
लोग पुकारते होंगे,
तुम्हे उस नाम से... जाओ
मैं नही लेती...तुम्हारा नाम 
क्यों कि...
मेरे तो साजन हो तुम...!

बारिश कि बूंदो सा..
भिगोता है जैसे सावन...
तुम्हारे प्यार से कब से,
भीगा है मेरा मन....
मेरा तो वो सावन हो तुम.....
मेरे तो साजन हो तुम....!!

निहारती हूँ पल-पल,
खुद को जिसमे..
करती हूँ सिँगार जिसमे,
मेरा वो दर्पण हो तुम....
मेरे तो साजन हो तुम....!!!

ख्याल से तुम्हारे,
थम जाती है हर धड़कन....
कम्पन से जब सिहर उठता है...
मेरा मन.....इन हवाओ कि...
वो सिरहन हो तुम....
मेरे तो साजन हो तुम.....!!!!