कब एक चुप्पी दो लोगो के बीच घर कर लेती है...
कि घर में सिर्फ उस चुप्पी का ही शोर ,
इतना ज्यादा होता है...
कि अपनी भी बाते हम तक नही पहुँचती...
वो आखिरी बात क्या थी,
जिस पर हम नाराज हुए थे,
वो आखिरी बात क्या थी ,
जिस पर हम खुल कर हँसे थे..
इस चुप्पी के सन्नाटे में कही भूल जाते है,
अब वक्त नही गुजरता,
इस गुजरते वक़्त के साथ हम गुजर रहे होते है......#आहुति#